धनबाद(DHANBAD) रविवार को कृषि बाजार में बाजार समिति चैंबर ऑफ़ कॉमर्स द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल द्वारा बताया गया कि सरकार के द्वारा पूरे झारखंड में कृषि उपज और पशु विपदान अधिनियम 2022 के नियमावली तैयार कर इसे फिर से लागू किए जाने का प्रयत्न किया जा रहा है,
इसके लिए पूरे राज्य बिस्तर की बैठक रांची में 12 फरवरी को आहूत की जाएगी, पर दुर्भाग्य के बाद यह है कि राज्य स्तरीय संगठन को झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स को इसमें बुलाया नहीं गया है। पिछले दिनों बडे स्तर पर आंदोलन किया गया जिसकी अगवाई राज्य स्तरीय झारखंड चैंबर ने की थी और सभी का सहयोग शत प्रतिशत था पर झारखंड चैंबर ऑफ़ कॉमर्स जो हमारे गार्जियन बॉडी को ना बुलाए जाने के कारण झारखंड चैंबर ऑफ़ कॉमर्स इस बैठक का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर रही है।
वही बाजार शुल्क कानून के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए अध्यक्ष ने बताया कि दो प्रतिशत कानून अगर लागू हो गया तो यह पूरी बाजार समिति भ्रष्टाचार में संलिप्त हो जाएगी, जैसे 2015 में इस कानून को खत्म कर दिया गया था वही फिर से बाजार समिति मुखर होकर इस कानून के प्रति आवाज उठा रही है, 2% शुक्ल का सीधा-सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा वैसे ही महंगाई के मार आम जनता सह रही है इस शुल्क की बढ़ोतरी पर महंगाई से और बुरा हाल हो जाएगा।
वही बाजार समिति के सचिव गौरव गर्ग ने बताया झारखंड राज्यपाल राधाकृष्णन सलाह के आलोक में यह बैठक आहूत की गई है। और चिठ्ठी में साफ-साफ यह देखा जा सकता है कि राज्यपाल के को सलाह को उनके सलाह अवमानना करने का प्रयास किया गया है। व्यापक हित धारों को किस चर्चा की बात की जाती है तो इसका अवलोकन करने की जिम्मेदारी किसकी है। कहां जाता है कि सभी व्यापारी हित धारक है ,व्यापारी समिति की बैठक में सिर्फ रांची में पांच व्यापारियों को चिट्ठी दी गई है और धनबाद में सिर्फ दो को वही कुल झारखंड में 28 बाजार समितियां हैं।
NEWS ANP के लिए धनबाद से नितेश के साथ अंजलि चक्रवर्ती की रिपोर्ट….
