झरिया(JHARIYA): झारखंड के कोयलांचल नगरी धनबाद जिले के विभिन्न क्षेत्रों व संस्थानों में बड़ी ही धूमधाम के साथ बुधवार को माता सरस्वती की प्रतिमा पूजा अर्चना की हुई शुरुआत।

स्कूलों, सस्थानों व मुहल्लो मे भी जगह जगह पर माता की प्रतिमा स्थापित कर पुरे विधिविधान पूर्वक पुरोहितों द्वारा पूजा अर्चना किया गया। वहीं पूजा के दौरान स्कूली बच्चों व कलाकारों के साथ साथ संस्थान चालकों ने भी सुबह से उपवास रख कर पीले वस्त्र धारण कर माता सरस्वती की पूजा अर्चना किया तत्पश्चात जल ग्रहण कर व्रत को समाप्त किया।
वेदों व पुराणों अनुसार मानना है कि सरस्वती ज्ञान, बुद्धि, संगीत और सभी कलाओं की देवी है जिन्हें ब्रम्हा की उर्जा भी कही जाती है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष हिंदू धर्म अनुसार माघ महीने के चार दिन बीतने के बाद पांचवा दिन मनाई जाती है जिन्हें वसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन का एक विशेष महत्व है इस दिन के बाद से ही लोग सारी शुभ कार्य की शुरुआत कर अपनी मनोकामना को पूर्ण करते हैं और इसे नये वर्ष के रूप में भी मानते हैं। वही पूजा के दौरान स्कूली बच्चों ने अपने अपने स्कूलों में कला की प्रतियोगिता को दिखाते हुए देश के प्राचीन इमारतें व मंदिरों की अकार को पेंटिंग के माध्यम से स्कूलों परिसर में जगह जगह पर सजाया गया था। जिसकी सुन्दरता देखते ही बन रही थी।
NEWS ANP के लिए झरिया से अरविन्द सिंह बुंदेला की रिपोर्ट..
