हर्ल ACC एवं टासरा प्रोजेक्ट (सेल) औधोगिक क्षेत्र में एक भी पर्यटन स्थल नहीं होने से सिन्दरीवासी मायुस..

सिंदरी(SINDRI): आजाद भारत का पहला उर्वरक कारखाना सिंदरी में 2 मार्च 1951 को शुरूआत हुई थी, कारखाने में कार्यरत कर्मचारियों एवं सिंदरी वासियों के पर्यटन के लिए सेवन लेक पार्क बनाया गया था,

यहां 7 तालाब बनाए गए थे, तालाब के चारों ओर बैठने की व्यवस्था एवं बच्चों के लिए झूले लगाए गए.थे, लोग यहां पर घूमने और पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते थे, नए साल में हजारों की संख्या में लोग पिकनिक मनाने आते थे,

सिंदरी खाद का रखाने के बंद होते ही यह पर्यटन स्थल धना जंगल बन गया है, सेवन लेक की सुंदरता खत्म होने की सबसे बड़ी वजह एफ सीओई खाद कारखाना बंद होना है, एफसीआई कारखाना बंद होते ही बिना देखरेख में इसमें जंगल झाड़ भरते जा रहे हैं, क्योंकि इसके रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं है,

इनमें से 5 तालाब पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं, सिर्फ दो तालाब वह भी गंदगी से से भरे हुए हैं, यहां पशु एवं नशेड़ीयों का अड्डा बना हुआ है, इन्हीं दो तालाबों में सिंदरी वासी शुद्धता का महापर्व छठ मनाते हैं, क्योंकि अगल-बगल छठ मनाने की कोई व्यवस्था नहीं है, हर्ल के शुरू होते ही लोगों ने सोचा था कि सैवन लेक की हालत सुधरेगी इसका जीर्णोद्धारसिर्फ शुद्धता का महापर्व छठ होगा, मगर हल ने इसके बारे में सोचा तक नहीं है आज 1 जनवरी है मगर कोई भी पर्यटन स्थल सिंदरी में नहीं है, लोगों को पिकनिक करने के लिए कहीं दूर का सपना देखना पड़ता है,

जो उनके पॉकेट पर भारी पड़ता है, हर्ल प्रबंधक को सीईआरसी एस आर फंड से इसका जीर्णोद्धार करने के लिए प्रयास करना चाहिए, सिन्दरी औधोगिक क्षेत्र सिन्दरी में हर्ल ,एसीसी ,टासरा प्रोजेक्ट सेल कंपनिया होने के बावजूद एक भी पर्यटन स्थल नहीं है,

जन जागृति महिला समिति सिन्दरी अध्यक्ष वैजयंती देवी ने कहा कि हमारे सिंदरी स्थल में घूमने जैसा कुछ भी नहीं रहा है, लोगो को पिकनिक या कही पारिवारिक मनोरंजन के लिए धनबाद जाना होता हैं, वे दूर जाना सबके लिए आसान नहीं है जिनके पास सुविधा है वो कहीं भी जा सकते है पर ये सबके लिए उचित नहीं हो सकता,मैं ये बिलकुल चाहती हूं की हमारे सिंदरी मे भी पर्यटन स्थल होना चाहिए, ताकि बड़े बचे, बूढ़े सब इसका आनंद ले और खुशी महसूस करे,

भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा घनबाद ग्रामीण जिला अध्यक्ष प्रकाश बाउरी ने कहा कि सिंदरी में सेवन लेक, सिंदरी सेंटलिक टैंक, डोमगढ़ दामोदर नदी जैसे कई महत्वपूर्ण और सौंदर्य से परिपूर्ण स्थल हैं जो कि पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रह चुका हैं इनको विकसित करने की आवश्यकता है, मैं हर्ल ,एसीसी सेल एवं जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि ऐसे स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित करने का पहल करें इससे राजस्व कोष एवंरोजगार का भी सृजन होगा,

जन अधिकार मंच के अध्यक्ष रंजीत कुमार ने कहा कि देश की औद्योगिक नगरी के रूप में शुमार सिंदरी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर हैं, और इसके जिम्मेवार स्थानीय जनप्रतिनिधि है, सिंदरी टाउनशिप में तीन वार्ड 53,54 एवं 55 है लेकिन किसी वार्ड में कोई भी पिकनिक स्पॉट चिन्हित कर विकसित नही किया गया है,

यह नगर निगम के साथ साथ स्थानीय पार्षद की विफलता है, एक समय जिले भर से लोग व्यवस्थित सिंदरी में घुमने आया करते थे यहां का प्रियदर्शिनी पार्क जिसमे सात तालाव हुआ करता था उसकी सुंदरता लोगों को लुभाती थी, साथ ही डोमगढ़ का सेटलिंक टैंक, दामोदर नदी, व्यवस्थित कालोनियां आदि भी सिंदरी की सुंदरता को बढ़ाते थे परंतु अब यह सिर्फ कहानियों में रह गई है,

परंतु झारखंड गठन के पश्चात् राज्य सरकारों की उदासीनता और बाद में नगर निगम की लापरवाही से सिंदरी बंदरी हो गई, जनप्रतिनिधि भी इसके लिए जिम्मेदार है, आज सिंदरी टूटी और बगैर लाइट की सड़कों, लचर
बिजली व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवा विहिन शहर के रूप में पहचानी जाती है…

सिंदरी से NEWS ANP के भोला बाउरी की रिपोर्ट,,,

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