दिल्ली (Delhi)केंद्र सरकार जल्द ही मौजूदा
वक्फ एक्ट को संशोधन वाला एक नया बिल लेकर आ सकती है। सरकार मौजूदा वक्फ Act में करीब 40 संशोधन करने की तैयारी में है। नए बिल में वक्फ की किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने वाली शक्तियों पर रोक लगाई जा सकती है।
केंद्र सरकार जल्द ही मौजूदा वक्फ एक्ट को संशोधन वाला एक नया बिल लेकर आ सकती है। सरकार मौजूदा वक्फ Act में करीब 40 संशोधन करने की तैयारी में है। नए बिल में वक्फ की किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने वाली शक्तियों पर रोक लगाई जा सकती है।
सूत्रों को मुताबिक शुक्रवार को हुई Cabinet की बैठक में इस बिल को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। प्रस्तावित बिल में मौजूदा एक्ट के कुछ Claus को हटाया भी जा सकता है। संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) अभी 12 अगस्त तक चलना है।
किसी भी जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी हो जाएगा। नए बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन, बोर्ड की संरचना में बदलाव की संभावना है। वक्फ अधिनियम की धारा 9 और धारा 14 में भी बदलाव किया जाएगा।
जिससे केन्द्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव किया जा सकेगा। बिल में राज्य वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली विवादित जमीनों का नए सिरे से सत्यापन कराने का भी प्रस्ताव है। दुरुपयोग को रोकने के लिए, जिला Magistrate को वक्फ संपत्तियों की निगरानी में शामिल किया जा सकता है।
वक्फ बोर्ड देश में रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद तीसरी सबसे ज्यादा जमीन पर मालिकाना हक रखने वाली संस्था है। नए संशोधनों के बाद किसी भी जमीन पर दावे से पहले उसका Verification करना होगा। इससे बोर्ड की जवाबदेही बढ़ेगी और मनमानी पर रोक लगेगी।
Board के पुनर्गठन से बोर्ड में सभी वर्गों समेत महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम बुद्धिजीवी, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग कर रहे हैं।
वक्फ बोर्ड से जुड़े नए बिल के पीछे सितंबर 2022 के एक मामले का तर्क दिया जा रहा है। जिसमें तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने थिरुचेंदुर गांव को अपनी संपत्ति बताया था। जिसमें रहने वाली ज्यादातर आबादी हिंदू है। पिछले साल मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में उन 123 संपत्तियों के निरीक्षण की अनुमति दी थी, जिन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड अपने कब्जे का दावा कर रहा है। पिछले साल अगस्त में ही केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया था।
मोदी सरकार 2.0 के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने किसी विशेष संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उनके मुतवल्लियों की नियुक्ति के प्रोसेस की समीक्षा की थी।
News ANP के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट..