दल छोड़ चुनाव लडना पड़ा महंगा.. लोबिन और पटेल की विधायकी हुआ समाप्त..दल बदल कानून के तहत विस अध्यक्ष ने की कार्रवाई..

झारखंड (Jharkhand) झारखंड के बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम और मांडू से भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल (जेपी पटेल) दल-बदल मामले में दोषी पाये..गये हैं. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण ने गुरुवार को दोनों ही विधायकों की सदस्यता खत्म करने का आदेश सुनाया. स्पीकर श्री महतो ने दो दिनों तक लगातार दोनों ही मामले में संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत वादी व प्रतिवादी की दलीलें सुनी. दो दिनों तक दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को दिन के 12 बजे तक दोनों मामले में शिकायतकर्ता यानी वादी और विधायकों यानी प्रतिवादी को जवाब दाखिल करने का निर्देश न्यायाधिकरण ने दिया था. जवाब दाखिल करने की समय सीमा के साढ़े चार घंटे बाद स्पीकर श्री महतो ने सदस्यता खत्म करने का फैसला सुना दिया. स्पीकर का न्यायाधिकरण विधायकों के जवाब से संतुष्ट नहीं था. 26 जुलाई शुक्रवार से विधानसभा का मॉनसून सत्र है. सत्र के ठीक पहले ये कार्रवाई हुई है.

दो दिनों की सुनवाई के बाद आया फैसला

लोबिन हेंब्रम की पार्टी विरोधी गतिविधि व बागी होकर चुनाव लड़ना बना कारण

भाजपा में रहते कांग्रेस पार्टी से हजारीबाग लोकसभा सीट से चुनाव लड़े जेपी पटेल

लोकतंत्र की हत्या हुई झामुमो को बाहरी लोग चला रहे हैं : लोबिन

विधानसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने पर लोबिन हेंब्रम ने कहा कि स्पीकर के फैसले से लोकतंत्र की हत्या हुई है. झामुमो को बाहरी लोग चला रहे हैं. इस सरकार ने झारखंड के लोगों को ठगा है. मेरे साथ व मेरे विधानसभा के साथ अन्याय हुआ है. मैं हाइकोर्ट जाऊंगा. दल-बदल का कोई मामला नहीं बनता है. मैंने कोई दूसरी पार्टी ज्वाइन नहीं की. हेमंत सोरेन को विश्वासमत में वोट दिया. अगर मुझसे इतनी ही दुश्मनी थी, तो वोट क्यों लिया.

बदले की भावना से जल्दबाजी में हुई कार्रवाई, कोर्ट जाऊंगा : जेपी पटेल

विधानसभा से सदस्यता खारिज किये जाने के फैसले पर जेपी पटेल ने कहा कि मेरे मामले में जल्दबाजी क्यों की गयी. बदले की भावना से काम हुआ है. बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव का मामला वर्षों से लंबित है, लेकिन मेरे मामले में आनन- फानन में स्पीकर ने आदेश सुना दिया है. मैं हाइकोर्ट जाऊंगा. मैंने भाजपा के सचेतक पद से 13 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस से चुनाव लड़ने के कारण मेरी सदस्यता खत्म कर देना सही नहीं है.

एक दिन पहले दोनों विधायकों की सदस्यता खत्म हो गयी.

इधर स्पीकर के निर्णय पर कांग्रेस ने आपत्ति जतायी है. कांग्रेस

कांग्रेस के भीतर जेपी पटेल की सदस्यता खत्म करने को लेकर नाराजगी है. गुरुवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में कई विधायक नहीं पहुंचेंथे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राज ठाकुर और मंत्री दीपिका पांडेय व इरफान अंसारी दिल्ली में हैं…

स्पीकर के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा है कि स्पीकर का फैसला जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है. विधायक की बात पूरी तरह से नहीं सुनी गयी है. यह नैसर्गिक न्याय नहीं है. दलबदल के कई मामले आज भी लंबित हैं. बाबूलाल मरांडी पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है. फैसला सुरक्षित है. लेकिन इस मामले में इतनी जल्दीबाजी क्यों, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि झामुमो विधायक चमरा लिंडा गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़े. कांग्रेस के खिलाफ लड़नेवाले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

शिबू और बाउरी ने की थी शिकायत : विधायक लोबिन हेंब्रम के खिलाफ

झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और विधायक जेपी पटेल के खिलाफ प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर के पास दल-बदल की शिकायत की थी. झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम को पार्टी विरोधी गतिविधि और राजमहल से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार विजय हांसदा के खिलाफ लोकसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ना महंगा पड़ा. शिकायतकर्ता की ओर से इसको लेकर ठोस सबूत न्यायाधिकरण को दिये गये. मीडिया में आये बयान से लेकर चुनाव में उनकी सक्रियता रही. इधर, मांडू से भाजपा विधायक जेपी पटेल ने दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम लिया था और कांग्रेस से हजारीबाग लोकसभा सीट का चुनाव लड़ा. श्री पटेल विधानसभा में भाजपा के सचेतक भी थे. सचेतक रहते इनकी कांग्रेस में शामिल होना दल-बदल के दायरे में आया. शिकायतकर्ता श्री बाउरी की ओर से न्यायाधिकरण को इससे जुड़े तमाम दस्तावेजी सबूत दिये गये. इसके बाद स्पीकर श्री महतो ने इन दोनों मामले में विधायकों को दोषी पाया.

पहले 10 विधायकों की जा चुकी है सदस्यता, अब तक 40 मामले आये : संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत दल-बदल मामले में झारखंड विधानसभा से अब तक 10 विधायकों की सदस्यता जा चुकी है. पहले विधानसभा में स्पीकर स्व मृगेंद्र प्रताप सिंह के कार्यकाल में लालचंद महतो, रामचंद्र केसरी, मधु सिंह की सदस्यता चल गयी थी. दल-बदल के आरोपी बच्चा सिंह ने तब इस्तीफा दे दिया था. दूसरी विधानसभा में स्पीकर आलमगीर आलम ने एनोस एक्का, कमलेश सिंह, भानु प्रताप शाही, रवींद्र कुमार राय, कुंती देवी, मनोहर टेकरीवाल और स्व थॉमस हांसदा की सदस्यता खत्म की थी. इधर दल-बदल के अब तक 31 मामले विधानसभा के स्पीकर के समक्ष आये हैं. पहली विधानसभा में चार, दूसरी विधानसभा में 13, तीसरी विधानसभा में छह और चौथी विधानसभा में छह मामले दल-बदल के दायर हुए थे. वर्तमान विधानसभा में दल-बदल के 11 मामले दायर हुए, जिसमें दो पर फैसला हुआ है.

NEWS ANP के लिए रांची से वी सिंह की रिपोर्ट…

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