ED समन पर केजरीवाल और हेमंत सोरेन का स्टैंड एक जैसा, तैयारियां अलग-अलग क्‍यों?

दिल्ली(DELHI): अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों ही मुख्यमंत्रियों को ED बार बार समन भेज रहा है, लेकिन कोई भी पेश नहीं हो रहा है. ये भी अजीब लगता है कि दोनों ही नेता अपनी अपनी गिरफ्तारी की आशंका जता रहे हैं, और ईडी के अफसर हैं कि आगे एक्शन ले ही नहीं रहे हैं – आखिर माजरा क्या है?

अगले कुछ महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दोनों राज्य विपक्ष शासित हैं और उनके मुख्यमंत्रियों को बार-बार प्रवर्तन निदेशालय यानी ED का समन आ रहा है लेकिन वे पेश नहीं हुए. पहला नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का है, जिनसे कथित शराब घोटाले में पूछताछ की जानी है. इसी केस में उनके कई पूर्व सहयोगी जेल में हैं. आज तीसरे समन पर उन्हें ईडी के सामने पेश होना था लेकिन अब साफ हो गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नहीं जाएंगे. उन्होंने सवाल उठाया है कि चुनाव से पहले समन क्यों भेजा जा रहा है? अब केजरीवाल ने फिर से लेटर लिखा है. उन्होंने कहा कि ईडी का लेटर गैरकानूनी है. सीएम ऑफिस से जानकारी मिली है कि सीएम के किसी भी लेटर पर ईडी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. इस बीच, आम आदमी पार्टी का बयान आया है कि ईडी के समन में केजरीवाल को गिरफ्तार करने की नीयत दिखाई देती है. वे केजरीवाल को प्रचार से रोकना चाहते हैं.

चुनाव से पहले नोटिस क्यों आया है?

इस कड़ी में दूसरा नाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren ED News) का है. वह बार-बार बुलाने पर भी नहीं आए तो ईडी ने अब कहा कि आप अपने हिसाब से समय, तारीख और जगह बता दें जिससे सवाल-जवाब हो सके. उन पर दबाव बढ़ता दिखा तो अचानक एक विधायक का इस्तीफा हुआ और रांची के सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जाने लगीं कि संभावित कार्रवाई को देखते हुए सीएम अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति बना चुके हैं. दोनों ही विपक्षी पार्टियां ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बता रही हैं. अब सोरेन ने सातवें समन पर भी लेटर के जरिए जवाब दिया है. सोरेन ने कहा है कि ईडी राज्य की सरकार को अस्थिर करना चाहती है और जानकारी मीडिया को पहले दी जा रही है जिससे उनका मीडिया ट्रायल हो रहा है.

सीएम सोरेन ने गांडेय विधानसभा सीट से पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के कयासों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा की ‘कोरी कल्पना’ है. इससे पहले भाजपा ने दावा किया था कि विधायक को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था जिससे ईडी जांच से पैदा हुई किसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री की पत्नी चुनाव लड़ सकें.

लाभ के पद से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में ईडी ने कई बार सीएम सोरेन को समन भेजा है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने अगस्त 2022 में झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस को एक पत्र भेजा था, जिसमें माना जाता है कि उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की गई थी क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें दिए गए खनन पट्टे का नवीनीकरण किया गया था. हालांकि न तो बैस और न ही उनके उत्तराधिकारी सीपी राधाकृष्णन ने वह पत्र खोला.

केजरीवाल-सोरेन के पास क्या विकल्प?

वैसे, दिल्ली के सीएम पहले ही कह चुके हैं कि वह जेल जाने के लिए तैयार हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी एक अभियान भी चला चुकी है, जिसका नाम था ‘मैं भी केजरीवाल’. AAP ने दावा किया है कि वह लाखों लोगों तक पहुंची और लोगों ने कहा कि अगर केजरीवाल को जेल जाना पड़ता है तो सरकार केजरीवाल ही चलाएं. बताया जा रहा है कि तीसरे समन पर पेशी को लेकर केजरीवाल कानूनी राय-मशिविरा ले रहे हैं. कथित शराब घोटाले में सिसोदिया से लेकर संजय सिंह जेल में हैं. आज समन के दिन केजरीवाल दिल्ली में ही मौजूद हैं. इधर, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कुलदीप कुमार ने कहा है कि दिल्ली की जनता कह रही है कि केजरीवाल को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. साफ है कि केजरीवाल जेल भी जाते हैं तो सीएम वही बने रहेंगे.

हेमंत सोरेन को सातवां समन मिला लेकिन वह नहीं पेश होंगे. माना जा रहा है कि गिरफ्तारी की नौबत आती है तो सोरेन इस्तीफा दे देंगे और उनकी पत्नी को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. झारखंड की सेफ सीट के विधायक ने इस्तीफा भी दे दिया है.

News ANP के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट..

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