कैलाश सत्यार्थी जी का जन्मदिन सुरक्षित बचपन दिवस के रूप में मनाया..

गिरिडीह(GIRIDIH): आज देवरी प्रखंड के अलग अलग जगह में देश के विभूति सह बच्चों के मसीहा , नोबेल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी जी के जन्मदिवस को सुरक्षित बचपन दिवस के रूप में मनाया गया। सत्यार्थी जी के 70 वे जन्मदिवस के अवसर पर देवरी में 2 स्थानों पर तिलकडीह और दुलाभीठा में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

विदित हो कि सुरक्षित बचपन सप्ताह के तहत 8 तथा 10 तारीख को पेंटिंग तथा भाषण प्रतियोगिता आयोजित किए गया था जिसमे आज के कार्यक्रम में उस प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान पाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया, वहीं दर्जनों बच्चों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया। बच्चों ने केक काटा और वहीं 1 फलदार पौधा लगाकर सत्यार्थी जी के जन्मदिन को जन्मदिवस के रूप में मनाया।

कार्यक्रम के दौरान तिलकडीह पंचायत मुखिया श्री विनोद हेमब्रॉम ने सत्यार्थी जी के जीवन में किए गए संघर्षों के बारे में बताया साथ ही उन्होंने कहा कि आज बच्चों के शिक्षा, सुरक्षा और विकास के क्षेत्र उनके उत्कृष्ट प्रयास को नमन करते हैं। वे हमारे देश के गौरव हैं, उनका सपना करुणामय समाज निर्माण करने की है तो आज हम सभी को उनके जन्मदिवस पर शपथ लेनी चाहिए कि मिलकर आपसी सद्भाव को बढ़ावा देंगे।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बाल मित्र गांव के ग्रामीणों को सम्मान पत्र के साथ अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। ये लोग अपने गांव में बच्चों की शिक्षा सुरक्षा और विकास केलिए सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं, इन कार्यों को आगे बढ़ाने तथा करुणामय समाज निर्माण कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चिन्हित 9 महिला/पुरुषों को सम्मानित किया गया।

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के जिला समन्वयक सुरेंद्र पंडित ने सभी से जानकारी साझा करते हुए कहा कि, माननीय श्री कैलाश सत्यार्थी जी का जन्म 11 जनवरी 1954 को मध्य प्रदेश के विदिशा में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था, समाज की ऊंच नीच , भेदभाव आदि को देखते हुए उन्होंने अपना नाम कैलाश शर्मा से कैलाश सत्यार्थी रख लिया और सत्य के लिए लड़ने निकल पड़े। अपने जीवन में इंजिनियर की नौकरी पाकर भी उन्हें चैन नहीं मिला, तब वे समाज और देश के बच्चों के लिए आगे आए, बंधुआ मजदूर, बाल मजदूर, बाल तस्करी, बाल विवाह जैसी कुरीतियों से जान की बाजी लगाकर लड़े। आज तक वे 1.5 लाख से अधिक बच्चों के जीवन संवारने में सफलता पाई है। पूरे देश में बाल मित्र ग्राम निर्माण कार्य के माध्यम से बच्चों की शिक्षा सुरक्षा विकास के साथ साथ एक बेहतर समाज निर्माण के कार्य को अपने संगठन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं। करुणामय समाज से तात्पर्य है कि, ऐसा समाज जहां किसी भी प्रकार का जातीय, धार्मिक, ऊंच नीच असमानता जैसी भेदभाव न हो सभी समान हों, एक दूसरे को सहयोग करें। उन्होंने इसके लिए पूरे देश से आह्वान किया है कि आइए मिलकर करुणामय समाज बनाते हैं। उनके सपने को साकार करने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान समय की भी मांग है । जहां एक और दुनिया मिसाइलों और हथियारों के पीछे भाग रही है वहीं मानवता कराह रही है। इसलिए आज उनके 70वें जन्मदिवस पर सभी को उनके बताए राह पर चलने के लिए संकल्प लेने की परमावश्यकता है।

दुलाभीठा के महिला मंडल अध्यक्ष शैफाली बास्के ने कहा कि, कैलाश सत्यार्थी जी के जन्म दिवस को बच्चों के लिए खास है, वे बच्चों के मसीहा कहे जाते हैं, इसीलिए उनका जन्मदिन सुरक्षित बचपन दिवस के रूप में मनाया जाता है। करुणामय समाज निर्माण उनकी सोच है, सत्यार्थी जी के इस पुनीत कार्य में हम सभी सहयोगी बनेंगे। उनको जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

कार्यक्रम के दौरान तिलकडीह, घसकरीडीह तथा हरियाडीह के पंचायत प्रतिनिधिगण, शिक्षक, महिला मंडल, युवा मंडल तथा सलाहकार समिति के सदस्यों सहित अन्य ग्रामीण महिला पुरुष और सैंकड़ों बच्चे सहित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन के सुरेंद्र पंडित, सुधीर वर्मा, संदीप नयन, उदय राय, राजू सिंह, सुरेंद्र सिंह, पंकज, नीरज, कृष्णा, इंकज आदि उपस्थित रहे।

NEWS ANP के लिए गिरिडीह तिसरी से मनोज लाल बर्नवाल की रिपोर्ट..

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