केंद्र सरकार ने यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) योजना को मंज़ूरी दे दी है. उक्त जानकारी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है.
23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा लाभ देते हुए मोदी सरकार ने एक नई पेंशन योजना शुरू की है। यूनिफाइ़ड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। नेशनल पेंशन स्कीम ग्राहकों के पास अब यूपीएस पर स्विच करने का ऑप्शन होगा। इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी।
24अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने इसकी घोषणा की और कहा कि सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंता भी उठती रही है और पेंशन इसका अहम भाग है.
उन्होंने कहा, “सरकारी कर्मचारी देशभर में लोगों की सेवा करते हैं और इससे समाज की एक व्यवस्था चलती है, समाज में उनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है.”
उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में सुधारों की मांग की बात की और कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही थी और अब सरकार ने यूपीएस को मंज़ूरी दी है.
दरअसल, एनपीएस में बदलाव की सरकार की योजना कई गैर-बीजेपी राज्यों द्वारा डीए से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लागू करने के फैसले और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने के बाद आई है।
तो आइये जान लेते हैं यूपीएस, एनपीएस और ओपीएस एक-दूसरे से कितनी अलग है…
कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ही इसका फायदा मिलेगा।
कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले की पेंशन का 60% हिस्सा परिवार को मिलेगा।
न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह का पेंशन मिलेगा।
महंगाई के हिसाब से इन तीनों पेंशन पर डीआर का पैसा दिया जाएगा। यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीने का वेतन और भत्ता एक लमसम अमाउंट के तौर पर मिलेगा। यह कर्मचारी के आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां हिस्सा होगा
नेशनल पेंशन स्कीम/ राष्ट्रीय पेंशन योजना
सरकार का कंट्रीब्यूशन
एनपीएस ने कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए कंट्रीब्यूशन के आधार पर पेंशन का वादा किया था।
इसके लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी के मूल वेतन से 10 प्रतिशत और सरकार से 14 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन की आवश्यकता थी।
यूपीएस में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन 10 प्रतिशत ही रहेगा, जबकि सरकार का कंट्रीब्यूशन बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा।
एनपीएस में पेंशन राशि तय नहीं है क्योंकि यह एक बाजार से जुड़ी योजना है। वहीं, यूपीएस एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है, जो 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वालों के लिए वेतन का 50% है।
एनपीएस के तहत पारिवारिक पेंशन पेंशन फंड में संचित राशि और रिटायरमेंट के समय चुनी गई वार्षिकी योजना पर निर्भर करती है।
एनपीएस को 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है। यह निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर भी लागू होता है।
पुरानी पेंशन योजना/ओल्ड पेंशन योजना
ओपीएस में रिटायरमेंट सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था। डीए दरों में वृद्धि के साथ राशि बढ़ती रहती है। कर्मचारी रिटायरमेंट पर अधिकतम 20 लाख रुपये के ग्रेच्युटी भुगतान के हकदार थे। यदि किसी रिटायर्रड कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को निरंतर पेंशन लाभ मिलता है। इसके अलावा, एनपीएस के विपरीत ओपीएस के तहत पेंशन योगदान के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर वापस आ गए हैं।
NEWS ANP के लिए नई दिल्ली ब्यूरो की रिपोर्ट..