नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस को जमकर लताड़ लगाई है। दरअसल अदालत में खेड़ा जिले में मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 5 लोगों की सार्वजनिक तौर पर पिटाई किए जाने से संबंधित एक अहम मामले पर सुनवाई चल रही थी। मुस्लिम युवकों की पिटाई की घटना साल 2022 की है। सुनवाई के दौरान नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें लोगों को पोल से बांध कर पीटने की अथॉरिटी कहां से मिल गई।
अदालत में जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की बेच इस मामले में चार पुलिसकर्मियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दरअसल चार पुलिसकर्मियों- इंस्पेक्टर ए वी परमार, सब-इंस्पेक्टर डी बी कुमावत, हेड कॉन्स्टेबल के एल ढाबी और कॉन्स्टेबल आर आर ढाबी ने 19 अक्टूबर, 2023 को गुजरात हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में दिए गए फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इन पुलिसकर्मियों को 14 दिनों की साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
अदालत में सुनवाई के दौरान क्रोधित जस्टिस गवई ने कहा, ‘क्या आपके पास लोगों को पोल से बांध कर उनकी पिटाई करने की अथॉरिटी है? जाओ और जेल के मजे लो।’ पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाते हुए अदालत में जस्टिस मेहता ने कहा, ‘ये सब किस तरह के अत्याचार हैं? लोगों को पोल से बांध कर, सार्वजनिक तौर पर उन्हें पीटना और वीडियो भी लेना, और आप चाहते हैं कि कोर्ट इसमें हस्तक्षेप करे।’
अदालत में पुलिसकर्मियों की तरफ से मौजूद वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा वो पहले से ही आपराधिक अभियोजन का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है और ational Human Rights Commission (NHRC). भी जांच कर रही है।
NEWS ANP के लिए कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट..
