रांची(RANCHI) ‘किताबें सुख-दुख की सच्ची साथी हैं। दोस्ती करनी है तो किताबों से करिए वो कभी धोखा नहीं देतीं’
उक्त उद्गार आज यहाँ समय इंडिया, नई दिल्ली के तत्वावधान में जिला स्कूल मैदान में आयोजित 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले का विधिवत शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार सह राजसभा सांसद डॉ. महुआ माजी ने व्यक्त किए।
उन्होंने समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण से किए गए अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि मैं झारखंड में साहित्य अकादमी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्राी से अनुरोध करूँगी और यथासंभव सांसद निधि से पुस्तकें खरीदी जाएं इसकी व्यवस्था करूँगी।
विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए झारखंड ग्रामीण बैंक की निदेशक सह सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. राजश्री जयन्ती ने कहा कि यूँ तो दुनिया में इश्क होते हैं, किताबों से इश्क हो जाए तो बात बने। विचारों के क्रम को आगे बढ़ाते हुए सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. वीना श्रीवास्तव ने कहा कि पुस्तकें ज्ञानवर्द्धन करती हैं। पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. जंग बहादुर पांडेय ने कहा कि संसार में सर्वाधिक पवित्रतम, वस्तु ज्ञान है। ज्ञान पुस्तकों में है और पुस्तकें पुस्तक मेला में। हमें पुस्तकों को हमेशा खरीद कर पढ़ना चाहिए। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी जटाशंकर चौधरी ने कहा कि आज की दुनिया में पुस्तकें मनुष्य की सर्वोत्तम मित्र हैं। पुस्तक मेला 7 जनवरी तक जारी रहेगा।
इस अवसर पर अनेक गणमान्य पुस्तक प्रेमी उपस्थित रहे – डॉ. नियति कल्प, डॉ. चन्द्रिका ठाकुर ‘देशदीप’, डॉ. वासुदेव प्रसाद, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. सुनील भाटिया, डॉ. कुन्दन कुमार, कवयित्री समिता सिन्हा, खुशबू बरनवाल, लक्ष्मण प्रसाद, सपना साहनी, संजना साहनी, नरेश बंका, सत्यदेव कोहली, गजेन्द्र सिंह आदि।
आगत अतिथियों का भव्य स्वागत समय इंडिया के प्रबंध न्यासी चन्द्र भूषण ने ‘बुके नहीं बुक देकर’ अपनी परम्परानुसार किया। स्वागत वक्तव्य देते हुए उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के बाद रांची में पुस्तक मेला का आयोजन हो रहा है। पुस्तक प्रेमियों से अपील कि अधिक से अधिक संख्या में मेले में आकर पुस्तक खरीदें और यश के भागी बनें। समारोह का कुशल संचालन सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ संध्या चौधरी ‘उर्वशी’ ने और धन्यवाद ज्ञापन अशोक कुमार प्रमाणिक ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
NEWS ANP के लिए रांची से V SIngh की रिपोर्ट..
