
कतरास सिजुआ के जोगता में दशरथ मांझी की 95 वी जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। दशरथ मांझी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया।वक्ताओं द्वारा दशरथ मांझी के जीवन और दर्शन पर व्याख्यान दिया गया और जीवन में दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को आत्मसात करने की अपील की गई।
सुखदेव विद्रोही ने कहा कि दशरथ मांझी ने गहलौर पहाड़ को छैनी हथौड़ा से तोड़ कर सड़क बनाई । जिससे 55 किलोमीटर की दूरी को महज 15 किलोमीटर में बदल दिया। वर्तमान में जातिवाद, धर्मवाद , अत्याचार और शोषण के खिलाफ दशरथ मांझी ने जिस इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया उसे आत्मसात करने की जरूरत है। पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाना यह मात्र संकेत था कि अब हम समाज में व्याप्त कुरीति को बर्दास्त नही करेंगे।
इस कठोर व्यवस्था के खिलाफ हमारी यह छोटी पहल है। आज संगठित होने और समाज में अपना अधिकार पाने का वक्त आ गया है।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महामंत्री ने तारा पोदो कहा कि दशरथ मांझी ने सिर्फ पहाड़ नही तोड़ा था । बल्कि समाज में जातिवाद, धर्मवाद, अत्याचार, उपेक्षा की दीवार तोड़ी थी। एक हरिजन परिवार को जिस तरह प्रताड़ित किया जाता था और यह आज भी जारी है।
वर्तमान भाजपा सरकार जिस तरह से धर्म के आड़ में दलितों, पिछड़ों को वंचित रखने का षड्यंत्र कर रही है जिसमे उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण करें बड़े बंगला और बड़ी गाड़ी से घूमे और दलित पिछड़ों के बच्चे सिर्फ नारा लगाए। आज भी हरिजन के बच्चो को समाज के मुख्य धारा से बाहर रखा जाता है।
दशरथ मांझी ने जिस विचारधारा से पहाड़ काट कर रास्ता बनाया उसी विचारधारा पर चल कर अपने संख्याबल पर सत्ता पर काबिज होना होगा और समाज में व्याप्त जातिवाद, धर्मवाद, कुरीति, प्रताड़ना, उत्पीड़न की व्यवस्था को खत्म करना होगा।
दशरथ मांझी के 95 वी जयंती समारोह में सैकड़ों के संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए। सभी में दशरथ मांझी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर दशरथ मांझी के प्रति श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन किया।
NEWS ANP के लिए बाघमारा से जितेंद्र सिंह की रिपोर्ट….