झारखंड सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन के समर्थन में आया भाजमो..अब तक सेवा विस्तार मिला लेकिन मानदेय नहीं बढ़ा..अब कैसे परिवार चलाएं ठेका पुलिसकर्मी…

रांची (RANCHI)दिनांक 05 जुलाई 2024 झारखंड राज्य के सहायक पुलिसकर्मी जो मोराबादी मैदान में झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश संगठन रांची के बैनर तले आंदोलन चौथी बार चार दिनों से मोराबादी मैदान में कर रहे हैं।

भारतीय जनतंत्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी पुलिस कर्मियों के बीच जाकर उनकी बातों को सुना सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है बरसों से। यह उचित नहीं है

भाजपा की रघुवर सरकार ने 2017 में झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं को मात्र 10000 वेतन पर 3 वर्षों के लिए रखा। इन्हें लगा कि हम तो सरकारी हो गए, पर इनको कुछ भी नहीं मिला। 24 घंटे की ड्यूटी ₹10,000 तनख्वाह, उसी में इनको ड्रेस भी खरीदना है अपना घर परिवार भी चलना है। गलतफहमी में यह सरकारी सिपाही है इनकी शादी हो गई, बच्चे भी हो गए।

7 वर्ष हो गए पर वर्तमान सरकार ने एक-एक साल केवल अवधि का विस्तार तीन बार बढ़ाया। लेकिन मानदेय नहीं, सुविधा नहीं दी। केवल सरकार के तरफ से नेता ,मंत्री और गृह विभाग, पुलिस महानिरीक्षक (मानव अधिकार) इनके मांगों पर 60 दिनों के भीतर विचार करने को कहा. लेकिन आज तीन वर्ष हो गए अभी तक विचार ही कर रहे हैं। सरकार भी वही है जो 2021 में थी
छत्तीसगढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी वहां भी इसी तरह का नियुक्ति किया गया। वहां भी युवाओं और युवतियों को ठगा गया। पिछली कांग्रेस की सरकार ने उनको जिला स्ट्राइक फोर्स संभाग गठित करके सेवा को स्थाई किया। लेवल 3 में जिससे, उनका वेतन मान बढ़ा सारे सुविधा मिलने लगी। लेकिन झारखंड में इनको पूछने वाला कोई नहीं है।

“अंधेर नगरी चौपट राजा” .. वाली कहानी चरितार्थ होती है। केवल काम लेना है चौक चौराहों पर खड़ा करके पैसा वसूलवाना है सरकार को . 12 जिलों के 2500 सहायक पुलिसकर्मी नक्सल प्रभावित जिलों से आते हैं इनके जान को खतरा था उस समय नक्सली लोग समझ रहे थे कि ये पुलिस के मुखबारी होंगे। घर से भी इनका नाता नहीं रहा। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई। सरकार और विपक्ष भी कुछ नहीं बोल रहा है। धर्म जातपात की बात पर राजनीति होती है। बेरोजगारी की बात हो युवाओं की बात हो महिलाओं की बात हो तो कोई नहीं करता।

विधायक मंत्री अपना वेतन बढ़ाने के लिए सुविधा बढ़ाने के लिए अंगरक्षक बढ़ाने के लिए बेंच थपथपाते हैं। लेकिन इन 25 00 युवाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं, हमारे माननीय मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम झारखंडी आदिवासी और मूलवासी की बात करते हैं। यह सभी आदिवासी मूलवासी फिर भी हमारी सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। श्री तिवारी ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गलती की है धोखे में रखा है इन युवाओं को, कम से कम आप तो इसको सुधारिए ।विगत 7 वर्षों से ₹10000 पर कार्य कर रहे हैं जरा सोचिए कितना इनमें धैर्य है। 3 वर्षों से प्रतिवर्ष आंदोलन कर रहे हैं तभी केवल अवधि बढ़ रही है सुविधा नहीं। केंद्र सरकार की अग्नि वीर जैसा ही इनको समझा जा रहा है। इन युवाओं का भविष्य सरकार के पास है। कुछ लोग मर गए जो कार्यरत थे उनको भी सरकारी सुविधा कुछ भी नहीं मिला। जबकि सरकार ने कहा था की मरणोपरांत हम सुविधा देंगे । प्रशासन में पुलिस विभाग में जो बड़े-बड़े अधिकारी एसी कमरे में बैठे हैं उनको सोचना चाहिए।

भारतीय जनतंत्र मोर्चा उनके साथ है और सरकार को इनका हक दिला कर रहेगी। एक ही देश में अलग-अलग कानून कैसे कहां है संविधान की बात करने वाले। एक साथ बनने वाले राज्यों में नियम एक ही होना चाहिए। अलग-अलग नहीं। संविधान सम्मत माननीय मुख्यमंत्री उनके बारे में सोचे और इनको स्थाई करें। आपकी सरकार भी महागठबंधन की है और महागठबंधन ने ही छत्तीसगढ़ में नियम बनाकर इन पर कृपा किए हैं आप भी करें ।ताकि यह मोराबादी मैदान छोड़कर अपने ड्यूटी में लगे। इस बार किसी नेता अधिकारी पदाधिकारी के झांसे में आने वाले पुलिसकर्मी नहीं है। भारतीय जनतंत्र मोर्चा उनके साथ खड़ी है।

मोराबादी मैदान में नगर निगम पानी की व्यवस्था शौचालय की व्यवस्था करें। और बिजली विभाग लाइट की कारण यहा महिला पुलिस कर्मी भी है उनको असुविधा न हो। मोर्चा के मनोज सिंह और सचिन भारती साथ सहयोग किए

NEWS ANP के लिए रांची से V SIngh की रिपोर्ट..

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