डॉ. सतीश मिढा के IAG,IS के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बहावलपुरी पंजाबी समाज ने बधाई दी…

रांची(RANCHI) डॉ सतीश मिढा के आई0ए0जी 0ई0एस0 के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बहावलपुरी पंजाबी समाज के ललित किंगर,अश्विनी सुखीजा एवं बहावलपुरी पंजाबी समाज महिला समिति की बिमला किंगर, ऋचा मिढ़ा,मधु मक्कड़ ने उनके आवास जाकर बधाई दी.संस्था की ओर से अध्यक्ष ललित किंगर ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया

और महिला समिति की बिमला किंगर ने बुके भेंट किया.संस्था की ओर से बधाई देने वालों में नरेश पपनेजा, मुकेश बजाज, किशोर पपनेजा,समीर काठपाल,राकेश बरेजा,प्रमोद चुचरा,सोनू पपनेजा, हरीश नागपाल,मोहन खीरबाट, कवलजीत मिढ़ा,रवि नागपाल,मनीषा मिढ़ा समेत अन्य शामिल थे.

रांची के वरिष्ठ लैपरोस्कोपीक सर्जन एवं एंडोस्कोपिस्ट डॉ सतीश मिढा इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडो सर्जनस (आईo एo ईo जीo एसo) का वर्ष 2025-26 के लिए निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है.इसकी औपचारिक घोषणा आगामी फरवरी में चेन्नई में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में की जाएगी.
झारखंड-बिहार क्षेत्र से इस पद पर निर्वाचित होने वाले वे पहले चिकित्सक हैं.

आईo एo ईo जीo एसo की स्थापना 1993 में हुई थी जिसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ टीo ईo उडवाडिया थे जिन्हे भारत के लैपरोस्कोपी का पितामह कहा जाता है.1991 में डॉ उडवाडिया ने भारत में पहला गॉल ब्लैडर का आपरेशन मुंबई में किया.
आईo एo ईo जीo एसo विश्व को लेप्रोस्कोपिक सर्जनस की सबसे बड़ी संस्था है, जिसकी वर्तमान में 11000 सदस्य हैं.डॉ सतीश मिढा आईo एo ईo जीo एसo से प्रारंभ काल से जुड़े हैं तथा कई पदों में योगदान किया है.

वर्तमान में डॉ मिढा वर्तमान में आईo एo ईo जीo एसo के मानद राष्ट्रीय सचिव हैं.आईo एo ईo जीo एसo एक शैक्षणिक संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपी का प्रचार प्रसार भारत के हर कोने में पहुंचाना है और नये चिकित्सको में नई तकनीकों और अनुसंधान के प्रति जागरूकता लाना है.आईo एo ईo जीo एसo प्रति वर्ष देश के विभिन्न भागों में फेलोशिप पाठ्यक्रम, अधिवेशन, कार्यशालाएं, ऑनलाइन कार्यक्रम में इस कार्य में तत्पर है. कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों व सार्क देशों के साथ ज्ञान के आदान प्रदान के कई कार्यक्रम नियमित रूप से चलते हैं.

डॉ सतीश मिढा 1993 से लैपरोस्कोपी व एंडोस्कोपी की इस क्षेत्र में स्थापना में अग्रणी रहें हैं और उस समय भारत में इस विधि को अपनाने वाले युवा सर्जन रहें है. डॉ मिढा ने लैपरोस्कोपी व एंडोस्कोपी की नई तकनीकों में हैदराबाद, मुंबई इत्यादि कई संस्थानों में दक्षता प्राप्त कर झारखंड में स्थापित किया.

लैपरोस्कोपीक तकनीत से पित्त की थैली में पथरी (गॉल ब्लैडर स्टोन), अपेंडिक्स, हर्निया, लिवर, आंत, बच्चेदानी (यूटरस) सहित कई आपरेशन प्रारंभ करने में अग्रणी भूमिका निभाई. एंडोस्कोपी में भी ईo आरo
सीo पीo सहित कई विधियों को स्थापित किया.

डॉ सतीश मिढा ने कई राष्ट्रीय अधिवेशन, कार्यशालाओं में विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया है और आयोजन किया है तथा लेप्रोस्कोपिक पुस्तको में प्रकाशन भी किया है.वर्तमान में डॉ सतीश मिढा रातु रोड स्थित विवेकानंद अस्पताल सहित कई अस्पतालों से जुड़े है और लैपरोस्कोपिक व एंडोस्कोपी के माध्यम से पेट के कई बीमारियों की जांच व इलाज में मदद कर रहे हैं.

NEWS ANP के लिए रांची से V SIngh की रिपोर्ट..

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