पिछले 6 वर्षों से प्रधानाध्यापक की राह देख रहा आसनसोल का सबसे बड़ा स्कूल, पढ़ते हैं 2500 बच्चे…

आसनसोल (ASANSOL), पश्चिम बंगाल आसनसोल नगर निगम के कुलटी विधानसभा के सीतारामपुर इलाके के वार्ड संख्या 19 स्थित आसनसोल के सबसे नामी ग्रामी व बहूचर्चित स्कुल एनडी राष्ट्रीय विद्यालय एचएस स्कुल अब धीरे – धीरे अपनी पहचान और लोकप्रियता खोते जा रही है, इस स्कूल की नाम और शोहरत बचाने के लिये स्कूल के पूर्व प्रधानाध्यापक आरएन पांडे ने जमीनी स्तर पर मेहनत की थी अपना खून पसीना जलाकर शिक्षा के प्रति छात्र और छात्राओं के भीतर ललक जगाने के लिये उन्होंने कोई कमी कभी भी नही छोड़ी, वह दिन रात लगे रहे, स्कुल के प्रिंसपल आरएन पांडे की शिक्षा के प्रति इस लगन को देख कई लोग जागरूक हुए और इस सरकारी स्कुल मे देखते ही देखते करीब ढाई हजार छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं,

यही कारण है की यह स्कूल पुरे आसनसोल मे एक ऐसा सरकारी स्कूल बन गया जिस की चर्चा पश्चिम बंगाल ही नही बल्कि अन्य राज्यों मे भी हो रही है,

इलाके के लोग इस स्कूल को आदर्श स्कुल के नाम से एक अलग पहचान दिलाने की मांग कर रहे हैं, इस लिये की इस स्कूल से अन्य स्कुल भी सिख ले सके, पर 2018 मे जब इस स्कुल के प्रधानाध्यापक आरएन पांडे रिटायरमेंट हुए उसके बाद से 6 वर्ष गुजर जाने के बाद भी स्कुल को अब तक प्रिंसपल नसीब नही हुआ,

स्कुल के ढाई हजार छात्र और छात्राओं के बिच 35 शिक्षको मे शिक्षक गिरीश सिंह को जुलाई 2018 मे स्कुल इंचार्ज बनाया गया, जब गिरीश सिंह 2022 मे तो स्कुल के ही शिक्षक पीके सिंह को स्कुल इंचार्ज बनाया गया, जो अब भी स्कुल मे अपनी सेवा दे रहे हैं, पर 6 वर्ष गुजर जाने के बाद भी अब तक इस स्कुल को प्रधानाध्यापक नसीब नही हो पाया है, ऐसे मे स्कूल के शिक्षकों ने राज्य शिक्षा विभाग ही नही बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को भी एक शिकायत पत्र भेजा है,

जिस शिकायत पत्र मे स्कुल के शिक्षको ने स्कुल के इंचार्ज पीके सिंह और स्कुल की अध्यक्ष वार्ड नंबर 19 की तृणमूल पार्षद के ऊपर यह गंभीर आरोप लगाया है की वह दोनों मिलकर स्कूल मे मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं, उन्होने कहा है की स्कुल मे शिक्षा ही नही बल्कि मिड डे मिल योजना, फाइनेंस विभाग, स्टाफ कमिटी, मैंनेजिंग कमिटी सहित कुल पाँच कमिटी बनाई गई है, वह इस लिये की स्कुल की मान सम्मान उसकी पहले की तरह सिक्षा वेवस्था सहित कई अन्य मामलों मे अपना अव्वल दर्जा पर सके, पर स्कूल इंचार्ज पीके सिंह और स्कुल की अध्यक्ष तृणमूल पार्षद उषा रजक की आपसी सांठ- गाँठ से स्कुल मे इन 6 वर्षों के बिच हर कमिटी मे भारी घोटाला हो रहा है, जो घोटाला लाखों मे है, जिस घोटाले का पैसा स्कुल के इंचार्ज और तृणमूल पार्षद उषा रजक बंदर बाँट कर रहे हैं, स्कुल के शिक्षको द्वारा इन 6 वर्षों के बीच किए गए तमाम खर्च का ब्योरा व हिसाब किताब मांगने के बाद भी यह लोग नही दे रहे हैं, यहीं नही स्कुल के एक शिक्षक धनंजय यादव की अगर माने तो स्कुल के इंचार्ज पीके सिंह जब से स्कुल इंचार्ज बने हैं तब से वह एक बार भी किसी क्लास मे क्लास लेने नही गए हैं, जबकि उनको प्रतिदिन दो क्लास लेना है, यानि की सप्ताह मे 12 क्लास, उन्होने कहा स्कुल मे 11 वीं की एडमिशन के दौरान भी छात्रों को ठगने का काम किया गया, उनसे निशुल्क मिलने वाली फॉर्म के नाम पर 50 रुपए वसूले गए, यहाँ तक की किसी छात्र और छात्राओं से एडमिशन के नाम पर 500 तो किसी से 1000 और 1500 तक वसूले गए, सिक्षक धनंजय यादव ने स्कुल इंचार्ज पीके सिंह के ऊपर यह गंभीर आरोप लगाते हुए यह कहा की स्कुल इंचार्ज पीके सिंह व स्कुल की अध्यक्ष तृणमूल पार्षद उषा रजक की आपसी सांठ -गांठ से की जा रही स्कूल मे घोटाले को लेकर अब धीरे -धीरे स्कुल का अस्तित्व ख़त्म होते जा रहा है, स्कुल के छात्र और छात्राएं स्कूल इंचार्ज और स्कुल की अध्यक्ष के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं, उन्होने कहा अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले समय यह स्कुल प्रधानाध्यापक के राह देखते देखते एक दिन छात्रों से भी वीरान हो जाएगी, वहीं इस मामले मे जब स्कुल इंचार्ज और स्कुल की अध्यक्ष तृणमूल पार्षद उषा रजक से पूछा गया तो उन्होने इस मामले मे कुछ भी बात करने से साफ इनकार कर दिया यह कहकर की उनको जब जरुरत पड़ेगी वह मामले मे अपना पक्ष देने के लिये बुला लेंगे….

NEWS ANP के लिए आसनसोल से अमरदेव की रिपोर्ट …

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