मारे गये दोस्त के घर में छूट गये एक चप्पल के चलते दिलखुश कुमार की हत्या के पीछे दफन राज खुल गया। लगभग 13 साल के दिलखुश का काम-तमाम करने के बाद हत्यारे दोस्तों ने गूगल पर सर्च किया कि मर्डर करने के बाद बचा कैसे जाये? हैरान और चौंकाने वाली बातें यह है कि यह मर्डर मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलने के चलते हुये।
एक गमछे से पहले दिलखुश का गला घोंट दिया गया। इसके बाद एक कैंची से उसकी आंखें फोड़ उसकी लाश को पोखर में फेंक दिया गया। बीते 3 जनवरी को नाबालिग दिलखुश की डेड बॉडी एक पोखर में मिली थी। यह सनसनीखेज वारदात बांका के रजौन थाना क्षेत्र के नयाडीह गांव के बहियार में हुई। गिरफ्तार कातिलों की निशानदेही हत्या में इस्तेमाल गमछा और कैंची बरामद कर ली गई। वहीं पकड़े गये दोनों दोस्तों आर्यन कुमार और प्रीतम कुमार ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
घटना के बारे में SDPO ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि दिलखुश अपने दोस्त प्रीतम कुमार एवं आर्यन कुमार के साथ फ्री फायर गेम खेलता था। आर्यन के पास अपना मोबाइल नहीं था। मोबाइल खरीदने की खातिर आर्यन ने अपने दोस्त दिलखुश से 10 हजार रुपये उधार लिये थे। पर यह रूपया आर्यन कहीं और खर्च कर दिया। मोबाइल नहीं खरीद पाने की वजह से आर्यन अपने दोस्त दिलखुश के मोबाइल पर ही गेम खेलता था।
दिलखुश ने उसे मोबाइल देना बंद कर दिया। वहीं अपना उधार का पैसा मांगने लगा। इसी वजह से दोनों जिगरी दोस्त एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गये। बीते 1 जनवरी की रात दिलखुश को बुलाकर बहियार ले गया। वहां आर्यन और प्रीतम ने गमछा से गला घोंट कर दिलखुश को मौत की नींद सुला दी। फिर कैंची से उसकी एक आंख को भी फोड़ दी। वहीं लाश को पोखर में फेंक दिया। SDPO विपिन बिहारी ने खुलासा किया
कि आर्यन से मनमुटाव होने के बाद दिलखुश अपने गांव में ही कुछ अन्य दोस्तों के साथ मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता था। घटना के दिन आर्यन का चप्पल दिलखुश के घर छूट गया था। उसी चप्पल के आधार पर जांच आगे बढ़ी। आर्यन और प्रीतम को उठा लिया गया। पूछताछ में दोनों टूट गये और दिलखुश की हत्या के पीछे दफन राज उगल गये। गुनाह से बचने के लिये दोनों ने गूगल का सहारा लिया। गूगल में सर्च किया कि गुनाह से कैसे बचा जाये। मोबाइल लोकेशन से पुलिस पकड़ लेती है, इस वजह से दिलखुश का मोबाइल भी पोखर में फेंक दिया। वैसे अबतक मोबाइल नहीं मिला है।
NEWS ANP के लिए कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट..
