झरिया (JHARIYA) झरिया बाजार में ‘भारत बंद’ का असर बुधवार को मिलाजुला दिखा। स्कूल कॉलेज बंद रहे वही कुछ दुकानों को छोड़ अधिकांश दुकानें खुली रही। लेकिन ऑटो रिक्शा व ई रिक्शा जैसे साधनों के बंद होने से बाजार मे ग्राहक नही पहुंच सके। जिससे झरिया बाजार मे सन्नाटा पसरा रहा। बंद समर्थको ने बताया कि समाज के वंचित, शोषित और पीड़ित वर्ग जो आज भी समाज में भेदभाव, छुआछूत और गरीबी, बदहाली की जिंदगी जी रहा है।
बाबा साहब के संविधान की बदौलत लोगों के जीवन में सुधार आ रहा है। कोर्ट का फैसला जन भावनाओं और उन दलित, आदिवासियों के खिलाफ है, जो आज भी समाज की मुख्य धारा से दूर हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र सरकार के दबाव में दिया गया फैसला लगता है।
फैसला से साफ जाहिर होता है संविधान में लगातार छेड़छाड़ किए जाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी समुदाय को संघर्ष किए बगैर कुछ नहीं मिल सकता. इसीलिए हमने भारत बंद का रास्ता चुना है। लोगो से अपील कर रहे बंदी का समर्थन करे। मौके पर मुख्य रूप से प्रेम बच्चन, गोरी चीता, देवीलाल, राजाराम, शिवदत्त कुमार, जितेंद्र कुमार टूरी, राजू राजवंशी, सुनील कुमार, अजय पासवान, निखिल दास ,अशोक कुमार, आकाश कुमार इत्यादि शामिल रहे।
NEWSANP के लिए झरिया से अरविंद सिंह बुंदेला की रिपोर्ट