राजा रघुवंशी की हत्या कोई आम वारदात नहीं थी, ये एक प्रेम, छल और पैसों की तिकड़ी से रची गई त्रासदी थी। आकाश राजपूत, जो गांव में शांत कहा जाता था, पचास हजार की सुपारी पर कातिल बना। वही आकाश, जो शव मिलने वाली जगह के CCTV में साथियों के साथ कैद हो गया और जिसके रेनकोट से राज खुला, वह रेनकोट सोनम ने दिया था। हत्या के वक्त आकाश एक किराये की स्कूटी से वहां मौजूद था। उसे बस देखना था कि कोई राह में न हो, कोई चश्मदीद न बचे। इश्क पांच महीने पुराना था, मगर इरादा खौफनाक। सोनम ने प्रेमी राज से कहा था, “जब मैं विधवा हो जाऊंगी, तब मुझसे शादी कर लेना”। 16 मई की रात, एक कैफे में योजना बनी, फिर सोनम ने छह घंटे तक फोन पर हत्या का खाका समझाया। राज ने तीन लड़कों को जोड़ा, विशाल, आकाश और आनंद। राज ने साजिश के लिये मोबाइल और नई सिम तक दी। सोनम ने राजा से शादी तो की, लेकिन हनीमून से पहले ही मौत का प्लान तैयार कर लिया। हत्या के लिये ऑनलाइन छोटी कुल्हाड़ी ‘डाव’ मंगाई गई, जिसे प्रेम के नाम पर, पीठ में घोंप दिया गया। 23 मई, अपरा एकादशी का दिन, जब महिलाएं पुण्य के लिए उपवास रखती हैं, सोनम ने राजा की हत्या की साजिश पर मोहर लगाई। सास से कहा, “व्रत कर रही हूं”, और पति को सुनसान में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया। सोनम ने राजा को कहा, चलो फोटोशूट करते हैं। फिर पहाड़ी पर चढ़ाई और बीच जंगल में साजिश का क्रियाकर्म। जब साथियों ने कहा, हम नहीं कर पायेंगे, सोनम बोली, “20 लाख दूंगी, कर दो काम तमाम”। हत्या के बाद सोनम ने राजा की एक्टिवा 25 किमी दूर फेंकवा दी। फोन को तोड़कर सबूत मिटाने की कोशिश की। सबसे भयानक सच ये, राजा के अंतिम संस्कार में राज खुद शामिल हुआ, ताकि किसी को शक न हो। अबतक के पुलिस अनुसंधान में ये बातें सामने आई है।
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

