लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग का मंगलवार को कमरकुची गांव, गुवाहाटी में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके शव को अर्जुन भोगेश्वर बरुआ खेल परिसर से फूलों से सजाए गए एम्बुलेंस में ले जाया गया, जहां पिछले दो दिनों में लाखों प्रशंसक, सेलेब्रिटी और शुभचिंतक उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए थे.
गायक के शव को पारंपरिक असमिया गमोसा में लपेटकर कांच के ताबूत में रखा गया था. इस दौरान उनके साथ उनके 85 वर्षीय पिता, पत्नी गरिमा सैकिया और अन्य परिवारजन मौजूद थे. हजारों प्रशंसक शव यात्रा के पीछे चलते हुए उनके नाम के नारों के साथ अंतिम बार उनके गीत गा रहे थे, जब तक कि मुखाग्नि नहीं दी गई.
बहन ने दी मुखाग्नि
परंपरा के अनुसार, जुबीन गर्ग को उनकी बहन पाल्मी बोरठाकुर ने अंतिम संस्कार कर अग्नि दी. इस दौरान भीड़ उनके नाम के उद्घोष और श्रद्धांजलि में व्यस्त रही, दर्शाते हुए कि वे हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे.
अंतिम विदाई में टूट गईं गरिमा सैकिया गर्ग
जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार के दौरान उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग गहरे दुख में डूब गईं और कांप उठीं. गुवाहाटी के पास कमरकुची एनसी गांव स्थित श्मशान में यह दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था. गरिमा अपने पति को खोने के गहरे सदमे और दर्द में नजर आईं, जबकि अंतिम संस्कार की रस्में संपन्न हो रही थीं.
शव यात्रा के दौरान उनके आंसू और भावनाएं उस गहरे बंधन और प्यार का एहसास करा रही थीं जो उन्होंने जुबीन के साथ साझा किया था. उनका यह दर्द दर्शकों और उपस्थित लोगों के दिलों को भी झकझोर रही थी.
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

