कोलकाता रेप मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT की टीम गठित…

कोलकाता रेप मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT की टीम गठित…

कोलकाता(KOLKATA): पश्चिम बंगाल कोलकाता लॉक कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा के साथ हुई रेप मामले मे कोलकाता पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है, जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT की टीम गठित हो गई है, हम बताते चलें की कोलकाता के न्यू कस्बा लॉ कॉलेज में छात्रा संग हुए रेप मामले ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक बार फिर कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसे में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के ट्रेनी डॉक्टर संग रेप और हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि एक बार फिर कोलकाता में रेप की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है। दरअसल कोलकाता के न्यू कस्बा लॉ कॉलेज की एक छात्रा संग रेप की घटना सामने आई है। गिरफ्तार आरोपियों में से दो कॉलेज के छात्र हैं जबकि एक कॉलेज का पूर्व छात्र है। इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों मनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने 5 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। विवरण के मुताबिक, एसआईटी की जांच विशेष निगरानी प्रभाग (एसएसडी) के एसीपी प्रदीप कुमार घोषणा की देखरेख में की जाएगी। बता दें कि मेडिकल जांच में एक आरोपी द्वारा रेप करने की पुष्टि हो चुकी है। कोलकाता पुलिस ने बनाई एसआईटी एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, “कथित अपराध की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। यह तुरंत अपनी जांच शुरू करेगी।” पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों की पहचान की है और उन्हें गिरफ्तार किया है। तीनों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है क्योंकि जांच चल रही है। बता दें कि रेप मामले में पीड़िता का बयान भी पुलिस ने दर्ज किया है, जिसमें पीड़िता ने पूरी आपबीती बताई। बता दें कि रेप के मामले में पुलिस ने लॉ कॉलेज के गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार किया है। छात्रा के साथ रेप केस में यह चौथी गिरफ्तारी है। मुख्य आरोपी है मनोजीत मिश्रा बता दें कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा तृणमूल छात्र परिषद का सक्रिय सदस्य है। साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में उसका काफी प्रभाव था। कॉलेज की दीवारों पर भी मनोजीत मिश्रा का नाम लिखा हुआ है। अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर मनोजीत इस कॉलेज में क्लैरिकल पदों पर अस्थायी नौकरी भी कर चुका है। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री शशि पंजा ने कहा, ‘कोलकाता पुलिस ने 12 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मैं लड़की के परिवार से कहना चाहता हूं कि उसे न्याय मिलना चाहिए। जो लोग राजनीतिक रूप से दिवालिया हैं, वे राजनीति कर रहे हैं। सोशल मीडिया में राजनीति कर रहे हैं। विधानसभा में अपराजिता विधेयक पारित है। अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है। भाजपा ने इस विधेयक को रोक कर रखा है, एक आरोपी 31 साल का मोनोजीत मिश्रा है। दूसरा आरोपी 19 वर्षीय जैब अहमद और तीसरा 20 वर्षीय प्रमित मुखर्जी है। मोनोजीत मुख्य आरोपी है और वह कॉलेज का पूर्व छात्र है। मोनोजीत के तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन से कनेक्शन बताया गया है, लेकिन TMC का कहना है कि वह संगठन का एक्टिव मेंबर नहीं हैं। जैब और प्रमित कॉलेज के वर्तमान स्टूडेंट हैं। मोनोजीत छात्र संगठन से कनेक्शन के कारण कॉलेज की स्टूडेंट यूनियन से जुड़ा था और अकसर कॉलेज आता-जाता रहता था। जैब कोलकाता के ही टॉपसिया इलाके का निवासी है। कॉलेज स्टूडेंट यूनियन की एक्टिविटीज में मोनोजीत से उसकी दोस्ती हुई थी। प्रमित सेकंड ईयर का स्टूडेंट है। वह कॉलेज यूनियन से जुड़ा नहीं था, लेकिन जैब के साथ उसकी दोस्ती है। इसलिए उसका मोनोजीत के साथ भी उठना बैठना हो गया था। जैब और प्रमित मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं।

2 आरोपी मोनोजीत और जैब 26 जून को सिद्धार्थ शंकर राय शिशु उद्यान के पास से गिरफ्तार किया गया था। तीसरे आरोपी प्रमित को 27 जून को सुबह उसके घर से दबोचा गया। शाम तक पुलिस ने तीनों आरोपियों को अलीपुर कोर्ट में पेश कर दिया। पुलिस ने तीनों का 14 दिन का रिमांड मांगा, लेकिन जज ने मंगलवार तक के लिए तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कसबा थाना पुलिस ने केस में FIR दर्ज की है। कॉलेज कैंपस को सील कर दिया गया है। गार्ड रूम से सभी सबूत जुटा लिए गए हैं। कॉलेज की CCTV फुटेज भी पुलिस खंगाल रही है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल भी जब्त कर लिए हैं। वारदात 25 जून की रात को अंजाम दी गई। पीड़िता के सामने मोनोजीत ने शादी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उसने प्रस्ताव ठुकरा दिया था। मोनोजीत उससे बात करना चाहता था। काफी कहने पर वह उससे बात करने के लिए कॉलेज में रुकी थी, लेकिन वह देरी से आया। पीड़िता कॉलेज यूनियन के कमरे में उसका इंतजार कर रही थी कि मोनोजीत, जैब और प्रमित आए। मोनोजीत उसे जबरन गार्ड रूम में ले गया। मोनोजीत ने जैब और प्रमित को बाहर खड़ा कर दिया और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। मोनोजीत जबरदस्ती करने लगा। उसने हाथ जोड़कर पैर पकड़कर जाने देने को कहा, लेकिन वह नहीं माना और फिर उसके साथ रेप किया। उस समय कॉलेज में कोई नहीं था। आरोपियों ने उसका अश्लील वीडियो भी बनाया और वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में उसके साथ दरिंदगी होने के सबूत पुलिस को मिले हैं। पीड़िता के शरीर पर जबरन शारीरिक संबंध बनाने, दांतों से काटने और नाखूनों से खरोंच मारने के निशान मिले हैं। पुलिस मेडिकल रिपोर्ट को सबसे अहम सबूत मान रही है। मुख्य सरकारी अभियोजक सोरिन घोषाल ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि घटना को रेप नहीं गैंगरेप माना जाएगा। क्योंकि अगर एक दुष्कर्म करता है और अन्य किसी भी तरीके से आरोपी मदद करते हैं तो वे भी आरोपी माने जाएंगे। इसलिए केस गैंगरेप का है और तीनों युवक आरोपी माने जाएंगे। विरोध प्रदर्शन और NCW का एक्शन कॉलेज में घटनाक्रम की खबर फैलते ही आरोपियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कॉलेज के स्टूडेंट्स पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मामले में संज्ञान लिया है। NCW की चेयरपर्सन विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को लेटर लिखा है। उन्होंने कोलकाता पुलिस ने केस की तुरंत जांच करने और आयोग को रिपोर्ट देने की मांग की है। आयोग ने पीड़ित को मेडिकल, लीगल और काउंसिलिंग संबंधी मदद देने, मुआवजा दिलाने की बात कही है।

NEWSANP के लिए कोलकाता से अतीक रहमान की रिपोर्ट…

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