रांची(RANCHI): प्रथम जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा घोटाला मामले में पांच और अधिकारियों को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. हाइकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत ने प्राथमिकी व चार्जशीट में नाम नहीं रहने के बावजूद सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा संज्ञान लेने व समन जारी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अंतरिम आदेश देते हुए प्रार्थियों के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. राहत पानेवाले अधिकारियों में अरविंद कुमार लाल, संजय पांडेय, अंजना दास, कुमुदिनी टुडू व साधना जयपुरियार शामिल हैं. इन्होंने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर सीबीआइ कोर्ट के संज्ञान व समन आदेश को चुनौती दी है. इधर हाइकोर्ट ने मामले में सीबीआइ को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि दर्ज प्राथमिकी और चार्जशीट में प्रार्थियों के नाम नहीं हैं. पूर्व में विजिलेंस ब्यूरो ने भी मामले में जांच की थी, उसमें भी उनका नाम कहीं नहीं आया है. उनके खिलाफ एक भी साक्ष्य नहीं है. हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआइ ने भी मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चार्जशीट दायर की है, लेकिन उनका नाम नहीं है. इसके बावजूद उनके खिलाफ सीबीआइ की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया तथा समन जारी कर दिया है, जो गलत है. अधिवक्ता गुप्ता ने संज्ञान आदेश व समन आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया.
NEWSANP के लिए रांची से ब्यूरो रिपोर्ट