नई दिल्ली (NEW DELHI) कोयला खनन के बाद रैयत की अधिग्रहित जमीन को वापस देने का मामला
धनबाद सांसद PN सिंह ने बुधवार को लोकसभा सदन में उठाया ,उन्होंने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी से पूछा कि क्या सरकार इसपर विचार रखती है? सांसद के इस तारांकित प्रश्न का जवाब कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी की ओर से दिया गया. सांसद ने सदन को बताया कि
आजादी के 65 वर्षो बाद वर्ष 2014 से कोयला का उत्पादन 462 मिलियन टन प्रति वर्ष होना शुरू हुआ और आज 10 वर्षो में यह उत्पादन दुगुना 893.19 मिलियन टन प्रतिवर्ष हो चुका है.देश की समृद्धि में कोयला का बहुत बड़ा योगदान होता है.जब यह रिकॉर्ड उत्पादन शुरू हुआ तो ओबी डंप की भी समस्या आयी.ओपन कास्ट माइंस से कोयला निकालने के दौरान बड़े पैमाने पर ओबी डंप होने से धनबाद कोलफील्ड की भौगोलिक स्थिति को बदल कर रख दिया है,
कही तालाब का रूप ले चुका है तो कही पहाड़ बन चुका है.वर्षो से धनबाद कोलियरी क्षेत्र के नीचे आग जल रहा है. यहां विस्थापन की समस्या है. जवाब में बताया गया कि आज की तारीख में 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन हो रहा है. आने वाले दिनों में भारत कोयले के इम्पोर्ट में आत्म निर्भर बनेगा. प्रहलाद जोशी ने आगे बताया रेगुलेटरी बॉडी डीजीएमएस हैं. ओबी डंप की समय समय पर इंक्वारी भी करती है.ओबी डंप स्थल को समतली बनाकर रैयत को वापस करने की पॉलिसी वर्तमान में नही है…
NEWS ANP के लिए नई दिल्ली ब्यूरो के साथ कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट..
