टुंडी(TUNDI) मानवता का पाठ पढ़ाने वाले, आत्मा-परमात्मा का भेद बताने वाले, इन्सानों को रूहानियत का पैगाम देने वाले युग महापुरुष बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी एवं जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज जी महाराज अपने 82 दिवसीय पाँच प्रान्तीय जनजागरण यात्रा लेकर मंगलवार के सायंकाल अपने चौसठवें पड़ाव पर नटवारी ग्राम पहुंचे। बुधवार को आयोजित सत्संग समारोह में पंकज जी महाराज ने आगन्तुक जनता का अभिवादन किया। सत्संग मंच पर झारखण्ड संगत के प्रदेशाध्यक्ष रामचन्द्र, जिलाध्यक्ष महेन्दर राजभर, संयोजक राजेश पंडित, पूर्व मुखिया नटवारी शंकर प्रजापति, अरविन्द प्रजापति, राजबहादुर आदि ने पुष्पहार भेंटकर महाराज जी का स्वागत किया।
संस्थाध्यक्ष ने प्रवचन करते हुये कहा कि मनुष्य शरीर चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि इसमें प्रभु की प्राप्ति का रास्ता है, जिसका भेद संत महात्मा ही जानते हैं। अब यहां आकर आत्मा का सम्बन्ध शब्द से छूट गया। इसे यह बोध नहीं रहा कि हम कहां से आये, मरने के बाद कहां जायेंगे? अपने सच्चे मालिक से कैसे मिलेंगे? यह मनुष्य मात्र का एक जटिल प्रश्न है जिसका समाधान प्रभु प्राप्ति वाले सन्त महात्मा फकीर के सत्संग से होता है। मानव जीवन का यह अनमोल अवसर सबको मिला हुआ है। प्रभु के प्राप्त करने वाले सन्त सतगुरु की तलाश करें और जो दया का प्रसाद वो दें उसे लेकर भजन की कमाई कर लें। इससे जीवात्मा जन्म-मरण के बन्धन से मुक्त हो जायेगी।
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी ने ‘‘ढाई अक्षर प्रेम का पढ़ै सो पंडित होय।’’ को उद्धृत करते हुये कहा कि लोग कहते हैं ढाई अक्षर प्रेम है, प्रेम में तो मात्रा लगी हुई है। वह तो ‘शब्द’ है। वह सबके अन्दर है। यही नाम है जो सबके अन्दर गुंजायमान हो रहा है। जब जीवात्मा इसको पकड़ लेगी तो अपने धाम पहुंच जायेगी। शब्द की कमाई कलयुग की सबसे सरल साधना है और इसका वर्णन करते हुये सन्तों ने कहा है, ’’कलयुग तीन सार उन बरने, और साधन सब थोथे जान।’’ कलयुग में सन्तों ने साधना के केवल तीन ही रास्ते बताये पहला सुमिरन, दूसरा ध्यान, तीसरा भजन। साधना के लिये उन्होंने नामदान भी दिया। उन्होंने समाज में बढ़ती हिंसा और अपराध पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि यह सब अशुद्ध खान-पान के कारण हैं। आज आवश्यकता है शाकाहार अपनाने, शराब जैसे घातक नशों के त्यागने तथा चरित्र उत्थान की। मनुष्य एक शाकाहारी प्राणी है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके जीवों की हिंसा करता है और पशु-पक्षियों का मुर्दा, मांस खाता है।
इसे त्याग कर शाकाहारी बनें। शराब जैसे खराब नशों का त्याग करें। इससे हमारी युवा पीढ़ी भी इन दुर्व्यसनों को छोड़कर सही रास्ते पर चलेगी। महाराज जी ने बाबा जी के बचनों को याद कराते हुये कहा कि ‘‘जन-जन की जुबान पर, जब ‘जयगुरुदेव’ आयेगा। सच्ची स्वतंत्रा का तब आनन्द पायेगा।’’ यह समय का जागृत नाम है। संकट की घड़ियों में मददगार होगा। उन्होंने आगामी 24 से 26 मार्च तक जयगुरुदेव आश्रम, मथुरा में आयोजित होने वाले होली सत्संग में आने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहाँ बुराइयाँ चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा उ.प्र. की तहसिल भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है
यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहाँ सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं। उन्होंने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बिहार संगत के प्रदेशाध्यक्ष मृत्युन्जय झा, घनश्याम शर्मा जहाजपुर (राज.), हीरालाल, हेमराज, शंकर प्रजापति, रामेश्वर महतो, उज्जवल पंडित, सुरेश पंडित, परितोष पंडित, सहयोगी संगत जिला फतेहपुर उ.प्र. के जयपाल, राम बरन सिंह आदि उपस्थित रहे। सत्संग के बाद जनजागरण यात्रा अपने अगले पड़ाव बाराबेनी( आसनसोल) जिला- वर्दवान, प.बंगाल के लिये प्रस्थान कर गई। विजुअल बाबा पंकज जी को माल्यार्पण करते लोग और उमड़ी भिड़
NEWS ANP के लिए टुंडी से चंद्रशेखर सिंह की रिपोर्ट..
