DIGITAL ARREST से डरे नहीं..सोचे..समझे आखिर यह है क्या और जाने बचने का तरीका: पीएम मोदी…  

DIGITAL ARREST से डरे नहीं..सोचे..समझे आखिर यह है क्या और जाने बचने का तरीका: पीएम मोदी…  

नई दिल्ली(NEW DELHI): पीएम मोदी ने मन की बात में डिजिटल अरेस्ट को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने लोगों से कहा कि रुको, सोचो और एक्शन लो। पीएम ने कहा डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है। कोई भी जांच एजेंसी ना तो धमकी देती है और ना ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है.

देश में हर रोज डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट करके लोगों से अभी तक अरबों रुपये की ठगी की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डिजिटल अरेस्ट स्कैम को लेकर चिंतित हैं। डिजिटल अरेस्ट इतना खतरनाक है कि इसमें पढ़े लिखे और पैसे वाले लोग ही शिकार हो रहे हैं। पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट को फरेब कहा है। आइए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे बचने का आसान तरीका क्या है?

डिजिटल अरेस्ट पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने मन की बात में डिजिटल अरेस्ट को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने लोगों से कहा कि रुको, सोचो और एक्शन लो। पीएम ने कहा डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है। कोई भी जांच एजेंसी ना तो धमकी देती है और ना ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है। उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर तो स्कैम चल रहा है उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियां राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट की एक पीड़ित का ऑडियो भी शेयर किया..

क्या है डिजिटल अरेस्ट? 
डिजिटल अरेस्ट ब्लैकमेल करने का एक एडवांस तरीका है। डिजिटल अरेस्ट स्कैम के शिकार वही लोग होते हैं जो अधिक पढ़े लिखे और अधिक होशियार होते हैं। डिजिटल अरेस्ट का सीधा मतलब ऐसा है कि कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कॉलिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है। डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर ठग नकली पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। इस दौरान वे लोगों से वीडियो कॉल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं और इसी बीच केस को खत्म करने के लिए पैसे भी ट्रांसफर करवाते रहते हैं..

कैसे होती है डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत?
डिजिटल अरेस्ट की शुरुआत एक मैसेज या फोन कॉल के साथ होती है। डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग लोगों को फोन करके कहते हैं कि वे पुलिस डिपार्टमेंट या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बात कर रहे हैं। ये कहते हैं कि आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करते हुए तमाम चीजें की खरीदी गई हैं या फिर मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। कई बार यह भी दावा किया जाता है कि वे कस्टम विभाग से बोल रहे हैं और आपके नाम से कोई पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीजें हैं..

इसके बाद वे वीडियो कॉल करते हैं और सामने बैठे रहने के लिए कहते हैं। इस दौरान किसी से बात करने, मैसेज करने और मिलने की इजाजत नहीं होती। इस दौरान जमानत के नाम पर लोगों से पैसे भी मांगे जाते हैं। इस तरह लोग अपने ही घर में ऑनलाइन कैद होकर रह जाते हैं और इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है..

डिजिटल अरेस्ट से बचने का रास्ता क्या है?
डिजिटल अरेस्ट से बचने का आसान रास्ता जानकारी है। इसकी शुरुआत ही आपके डर के साथ होती है। ऐसे में यदि आपके पास भी इस तरह की धमकी वाले फोन कॉल आते हैं तो आपको डरने की जरूरत नहीं है। कोई कॉल करके धमकाता है तो डरें नहीं, बल्कि डटकर सामना करें, क्योंकि यदि आपने कोई पार्सल मंगवाया ही नहीं है तो फिर डरने की जरूरत नहीं है..

ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें। यदि कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। यदि किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगा तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिए वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें और शिकायत करें। किसी भी कीमत पर डरें नहीं और पैसे तो बिलकुल भी ना भेजें..

NEWSANP के लिए नई दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट

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