झारखंड(JHARKHAND) मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की कैबिनेट की बैठक कई बड़े फैसले लिये गये। सबसे अहम फैसला स्कूली शिक्षा विभाग का रहा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ से कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए मंत्रिमंडल ने बीआरपी और सीआरपी के मानदेय में बढोत्तरी कर दी है। कैबिनेट की मुहर के बाद बीआरपी और सीआरपी के मानदेय में सम्मानजनक बढोत्तरी की संभावना है।
मालूम हो कि मानदेय में बढ़ोत्तरी की मांग संघ की तरफ से काफी पहले से की जा रही थी।लेकिन संघ के नेताओं ने अपने साथी कर्मियों के साथ धोखा किया।मंजिल मुकम्मल करने के नाम पर भारी भरकम पैसों की उगाही भी की गई। पिछले तीन वर्षों से संघ ने परिणाम के नाम पर शून्य बटा सन्नाटा हासिल किया। इससे बिफरे धनबाद के बीआरपी-सीआरपी ने कांग्रेस नेता अशोक सिंह से मुलाकात कर उनसे अपना दुखड़ा सुनाया।
अशोक सिंह ने अपने निजी खर्च से बीआरपी सीआरपी के एक प्रतिनिधिमंडल को महगामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह के मार्फ़त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलवाया। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया। सीएम ने फौरन शिक्षा सचिव और एसपीडी से बात की और इस मामले में यथोचित कार्रवाई का निदेश दिया। वहीं से इसकी संचिका सरकी।
बाद में कई और जिलों के बीआरपी सीआरपी ने अपने क्षेत्र के विधायक से मिलकर मानदेय बढ़ोतरी के साथ नियमावली पर मुहर लगाने की अपील की थी।लेकिन इस मुहिम को पहलीबार अगर किसी ने गति दी थी तो कांग्रेस नेता अशोक सिंह ही हैं।। करीब 5 साल के बाद मानदेय में बढोत्तरी का फैसला लिया गया है। प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) और संकुल साधन सेवी (सीआरपी) की मांगों को आज सरकार ने पूरा कर दिया है।
आज के फैसले के बाद बीआरपी और सीआरपी के मानदेय में 50 फीसदी तक की बढोत्तरी हो जायेगी। साथ ही हर साल तीन फीसदी मानदेय में इंक्रीमेंट भी होगा। ज्ञात हो कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य में करीब तीन हजार बीआरपी-सीआरपी कार्यरत हैं। इनके मानदेय में अंतिम बार 2019 में बढ़ोतरी की गई थी। धनबाद के संघ ने अशोक सिंह को शीघ्र सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
NEWS ANP के लिए कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट…
