पटना(PATNA): पटना में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के धरने को समाप्त करने के लिए पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है. बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है.जन सुराज के संस्थापक और प्रसिद्ध राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है. प्रशांत किशोर का कहना है कि इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जो योग्य और मेहनती अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है.
उन्होंने इसके लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. प्रशांत किशोर ने अपने अनशन के जरिए न केवल परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग भी उठाई है. उनका मानना है कि जब तक शिक्षा और प्रशासनिक प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं होगी, तब तक समाज में समानता और न्याय की स्थापना नहीं हो सकेगी. हालांकि, उनके इस कदम के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. पटना के डीएम ने उनके धरने को गैरकानूनी करार देते हुए तत्काल प्रभाव से इसे समाप्त करने का आदेश दिया है. साथ ही, प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं..
डीएम ने कहा है कि किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है. इस घटना ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर प्रशांत किशोर के समर्थक उनके इस कदम को साहसिक और जरूरी बता रहे हैं, वहीं प्रशासन के इस एक्शन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस मुद्दे ने एक बार फिर बिहार की परीक्षा प्रणाली और प्रशासनिक पारदर्शिता पर बहस छेड़ दी है.
NEWSANP के लिए पटना से ब्यूरो रिपोर्ट