बिहार(BIHAR): अक्सर ऐसा देखा जाता है कि मुश्किल हालात बुरी परिस्थितियां एक व्यक्ति को इस कदर मजबूत बना देती हैं कि फिर वह दुनिया की हर ताकत से लड़ सकता है. अक्सर हम देखते हैं कि कई लोग सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होने के बावजूद अपने जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर पाते, लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो सामान्य से भी कम सुविधाओं के साथ अपनी मेहनत और लग्न से बड़े मकाम हासिल कर लेते हैं. जीवन में सुविधाएं तो दूर, उन्हें दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है लेकिन इन्हीं हालातों को बदलने के लिए वे दिन रात मेहनत कर एक दिन कामयाबी हासिल कर लेते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताएंगे बिहार के मोनो कुमार राय की जिन्होंने एक वक्त पर अपना गुजारा करने के लिए अंडे और सब्जी बेचने का काम किया और आज वह एक आईएएस ऑफिसर हैं.
जानें मनोज की संघर्ष की कहानी
मनोज कुमार राय आर्थिक रूप से काफी गरीब परिवार से हैं, वे बिहार के एक छोटे से गांव सुपौल के रहने वाले हैं. साल 1996 में मनोज दिल्ली आते और परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए उन्होंने अंडे और सब्जियां बेचना शुरू किया, इसके बाद उन्होंने कई दफ्तरों में झाड़ू पोछा मारने का भी काम किया, दिल्ली जैसे महंगे शहर में गुजारा करने के लिए उन्हें कई प्रकार के संघर्ष करने पड़े. मनोज के जीवन में बड़ा बदलाव तब आया जब वे एक दिन जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कुछ समान पहुंचाने के काम से गए, वहां उनकी मुलाकात कुछ छात्रों से हुई जिन्होंने उन्हें यूपीएससी के परीक्षा के बारे में बताया. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के अरबिंदो कॉलेज में एडमिशन लिया और साल 2000 में वहां से बीए की डिग्री हासिल की, हालांकि इस दौरान भी वह अंडे और सब्जियां बेचने का काम करते थे, इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि उन्हें जीवन में बड़ा अफसर बनना है और उन्होंने 3 साल तक पूरी लगन से तैयारी की. लगातार तीन अटेम्प्ट देने के बाद अपने चौथे अटेम्प्ट में 2010 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की और 870वां रैंक लाकर वह आईएएस ऑफिसर बन गए.
NEWSANP के लिए बिहार से ब्यूरो रिपोर्ट