Arvind Kejriwal जाएंगे जेल या मिलेगी बेल, दिल्ली के सीएम के पास क्या बचा है ‘आखिरी रास्ता’?

दिल्ली(DELHI) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. ईडी की टीम कल शाम अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची थी. करीब दो घंटे की पूछताछ और आवास पर तलाशी के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था. पीएमएलए कोर्ट में केजरीवाल मामले की सुनवाई शुरू हो रही है. वहीं, गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ के समक्ष भी सुनवाई होनी थी. लेकिन केजरीवाल ने अपनी याचिका वापस ले ली है. 

14 दिन तक की अधिकतम रिमांड का प्रावधान

  • छह दिनों की कस्टडी के बाद अगर ईडी को अभी लगता है कि केजरीवाल की और रिमांड चाहिए तो वो कोर्ट से कुछ और दिनों की रिमांड मांग सकती है।
  • इस बीच अगर आरोपी पूछताछ के दौरान किसी अन्य व्यक्ति के बारे में जानकारी देता है, जो इसमें शामिल हो, तो इस स्थिति में जांच एजेंसी को रिमांड मिल जाती है। हालांकि, 14 दिन से ज्यादा की रिमांड लेने का प्रावधान नहीं है।
  • ईडी कस्टडी खत्म होने के बाद आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकता है।
  • 14 दिनों की न्यायिक हिरासत का प्रावधान इसलिए है कि आरोपी 14 दिनों के बाद जज के पास बता सके वो उसे जेल में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है। अगर कोई परेशानी है तो कोर्ट जेल प्रशासन को इसपर आदेश जारी करता है।

केजरीवाल को इस तरह मिल सकती है बेल

  • ईडी की कस्टडी खत्म होने के बाद ही केजरीवाल बेल याचिका लगा सकते हैं। इस दौरान जज के विवेक पर निर्भर करता है कि वो बेल मंजूर करते हैं या खारिज।
  • बहस के दौरान आरोपी के वकील ये दलील दे सकते हैं कि पूछताछ में सारी जानकारी जांच एजेंसी को दे दी गई है इसलिए मेरे मुवक्किल को बेल दी जाए।
  • वहीं, जांच एजेंसी बेल का विरोध करते हुए कह सकती है कि आरोपी एक बड़ा आदमी है और वो गवाहों और तथ्य को जेल से बाहर रहने पर प्रभावित कर सकता है तो ऐसे स्थिति में बेल खारिज की जा सकती है, जैसा कि मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और के कविता के मामले में हुआ है।

NEWS ANP के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट….

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