रांची(RANCHI): हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार बनने से पूर्व पिंटू एक मामूली शख्स हुआ करता था। उसके फर्श से अर्श तक पहुंचने के पीछे की कहानी के बारे में झामुमो के कई पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बताया कि मूल रूप से 2011-12 में झामुमो में पिंटू का प्रवेश हुआ।
2016 में जब उसे खनिज पट्टा आवंटित हुआ तो, बरहेट के विधायक के रूप में हेमंत सोरेन का उसे भरपूर साथ मिला। ईडी को सूचना मिली है कि पिंटू के इशारे पर ही सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने संताल में अवैध खनन करवाया। कहा जाता है कि अवैध खनन और परिवहन पर पिंटू का ही नियंत्रण था।
पंकज-पिंटू की बातचीत की विवरणी भी ईडी के हाथ लग चुकी है। कहा जाता है कि पिंटू कभी एक स्कूटर से चला करता था और टीवी रिपेयरिंग कर अपनी जीविका चलाता था। आखिर आज वह अरबों-खरबों का मालिक कैसे बन बैठा? बताया गया कि करीब 20 साल पूर्व उसने शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम से पीएमआरवाई स्कीम के तहत लोन लेकर रातू रोड में मोटर पाटर्स की दुकान खोली थी।
साहेबगंज में खनन के लिए शिवशक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर ही उसने 11 एकड़ से अधिक जमीन खनन के लिए आवंटित कराया था। इसके अलावा उसके खिलाफ सरकारी कोष में जालसाजी करने व 18 करोड़ रुपए तक के गबन की शिकायत दर्ज है।
हेमंत को फंसाया दलालों ने, जैसे…कभी सूरज मंडल ने फंसाया था गुरुजी को बता दें कि पिछले साल झामुमो के एक पुराने समर्पित कार्यकर्ता ने पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी और अभिषेक प्रसाद को ईडी का समन मिलने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि सच तो यह है कि जैसे भोले-भाले गुरुजी को सूरज मंडल ने फंसाया था,
उसी तरह से शालीन और सुलझे हुए हेमंत सोरेन को उनकी चंडाल चौकड़ी ने फंसा दिया है। उन्होंने कहा था कि सरकार में अग्रवाल बंधु, सिन्हा-श्रीवास्तव, पांडे, राउत, ठाकुर और अन्य चाटुकार अधिकारियों के चक्रव्यूह में हमारे अभिमन्यू (हेमंत सोरेन) बुरी तरह से घिरे हुए हैं। दरअसल, आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद ही हमारे कार्यकारी अध्यक्ष को सचेत हो जाना चाहिए था। लेकिन पिंटू के कारण ही पूजा सिंघल भी सीएमओ में पावरफुल अधिकारी बन गई और पूरा खान विभाग उसके हवाले कर दिया गया।
चंपई अवाम की बेहतरी के लिए सीएमओ में बैठे घाघ लोगों को निकाल-बाहर करें।
पार्टी के अंदरखाने में यह अक्सर सुना जाता था कि झामुमो अब गुरुजी की पार्टी नहीं रही। कुछ चाटुकार लोगों ने झामुमो को हाईजैक कर लिया है। पार्टी को अपनी जागीर बना ली है। यही कारण था कि गुरुजी के परिवार में भी समय-समय पर बागी स्वर उभरे। झामुमो के वरिष्ठ नेता और बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम ने पिंटू समेत कुछ अन्य चाटुकारों पर प्रहार करते हुए कहा था कि लंबे समय से सीएमओ में बाहरी लोग धन-बल के जोर पर सरकार और पार्टी पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है। मंत्रालय और सीएम हाउस के आसपास मंडराते लोगों में कितने आदिवासी-मूलवासी नजर आते हैं? इसे देखा जा सकता है। इसके बावजूद हेमंत सोरेन ने कभी इसपर गौर नहीं किया। अगर समय रहते हेमंत सोरेन पिंटू को सीएमओ से निकाल-बाहर कर देते तो संभवत: उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता। बहरहाल, अब नए सीएम चंपई सोरेन को सीएमओ में बैठे ऐसे घाघ लोगों से परहेज करना चाहिए और गुड गर्वनेंस के जरिए अपने बचे-खुचे कार्यकाल का सदुपयोग कर एक नजीर प्रस्तुत करना चाहिए।
NEWS ANP के लिए रांची से V SIngh की रिपोर्ट..
