कोलकाता(KOLKATA): निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों को अद्यतन करने की कवायद ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआइआर) मंगलवार को पश्चिम बंगाल सहित नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों (यूटी) में शुरू करेगा. इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर प्रक्रिया सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ समाप्त होगी. इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 51 करोड़ मतदाता हैं. बिहार के बाद एसआइआर का यह दूसरा चरण है. दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर की कवायद होगी, उनमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.
इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. एसआइआर की प्रक्रिया चार नवंबर को शुरू होगी और चार दिसंबर तक जारी रहेगी. इस दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी(बीएलओ) घर-घर जाकर एसआइआर का काम करेंगे.
निर्वाचन आयोग नौ दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी को प्रकाशित की जायेगी. इससे पहले 2002-04 में एसआइआर किया गया था.
आयोग का मानना है कि एसआइआर से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाये और किसी भी अपात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे. एसआइआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच कर उन्हें सूची से बाहर निकालना है. अवैध प्रवासियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है. राज्य में एसआइआर को लेकर खींचतान चल रही है. पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक चुनाव आयोग को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके ने एसआइआर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

