भारत का सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह पिछले वर्ष के 193 बिलियन डॉलर की तुलना में 3.63% की वृद्धि है। इस रिपोर्ट को इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईएससी) ने जारी किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण भारत इस क्षेत्र में सबसे आगे रहा, जिसका योगदान 131.1 बिलियन डॉलर (65.55%) रहा। पश्चिम भारत ने 34.1 बिलियन डॉलर (17.05%), उत्तर भारत ने 30.78 बिलियन डॉलर (15.39%), और पूर्वी भारत ने 4.02 बिलियन डॉलर (2.01%) का योगदान दिया।
भारत की आईटी इंडस्ट्री की इस सफलता का मुख्य कारण यहां की कुशल वर्कफोर्स, कम लागत, और अनुकूल कारोबारी माहौल है। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी नई तकनीकों के कारण भी भारत की स्थिति मजबूत हुई है।
भारत का सबसे बड़ा आईटी सेवा निर्यात बाजार अमेरिका है, जिसने 109.40 बिलियन डॉलर (54.70%) का आयात किया। इसके बाद यूके (28.70 बिलियन डॉलर, 14.35%), सिंगापुर (7 बिलियन डॉलर, 3.50%), और चीन (5.50 बिलियन डॉलर, 2.75%) हैं।
ईएससी के चेयरमैन वीर सागर ने कहा कि भारत का आईटी क्षेत्र वैश्विक मानकों को पूरा कर रहा है और देश को दुनिया के आउटसोर्सिंग हब में बदल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स, बीपीओ सेवाओं और क्लाउड टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग से भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की आईटी इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में और आगे बढ़ेगी और देश ग्लोबल डिजिटल लीडर बनने की ओर अग्रसर रहेगा।
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट