रांची(RANCHI): भारत द्वारा वर्ष 1901 में अपने मौसम संबंधी रिकॉर्ड की शुरुआत करने के बाद से साल 2024 सबसे गर्म साल के तौर पर दर्ज किया गया है. इसका असर ठंड के सीजन पर भी दिखा और 2024 की सर्दियां भी अब तक सबसे गर्म रहीं. पृथ्वी का तापमान इस बार 1.55 डिग्री सेल्सियस बढ़ा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी एजेंसियों और वैश्विक परामर्श के बाद राज्यों को इस वर्ष भी भीषण गर्मी पड़ने को लेकर चेतावनी जारी की है. 1901 के बाद यह पहली बार था, जब फरवरी में औसत न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा. साल 1901 वही समय है, जब से भारत समेत दुनिया भर में तापमान का लेखा-जोखा रखा जाता है.
हीट वेव को लेकर जारी एडवाइजरी में कई निर्देश
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, भारत सरकार के जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य के अतिरिक्त निदेशक एवं प्रमुख डॉ आकाश श्रीवास्तव ने हीट वेव को लेकर जारी एडवाइजरी में कई निर्देश दिये हैं. इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों पर जल्दी ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है. एक्स्ट्रीम हीट को लेकर यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी द्वारा आबादी पर इसके प्रभाव के कारण अत्यधिक गर्मी के प्रभावों को रोकने, इसका पता लगाने, प्रबंधित करने, निगरानी करने की सलाह दी गयी है. विश्व स्वास्थ्य दिवस (7 अप्रैल), वैश्विक ताप कार्रवाई दिवस (2 जून) और विश्वपर्यावरण दिवस (5 जून) के दिन विशेष जागरूकता अभियान आयोजित करने का सुझाव दिया गया है.
राज्यों को जागरूक करने का निर्देश
गर्मी से प्रभावित क्षेत्रों और हॉटस्पॉट जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों, शहरी हॉटस्पॉट, रेलवे और बस स्टेशनों पर निगरानी के साथ ही हीट वेब से निबटने के लिए इंतजाम के निर्देश दिये गये हैं. शिशु, बच्चे, महिलाएं (खास तौर पर गर्भवती), बुजुर्ग, बाहरी कामगारों, विक्रेता, मजदूर, डिलीवरी करने वाले गिग वर्कर, गार्ड, रिक्शा चालक, आग से संबंधित व्यवसाय में लगे लोग, प्रवासी और बेघर लोगों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है. पर्यटन स्थलों और सामूहिक समारोहों, खेल आयोजनों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गयी है.
हीट से होनेवाली बीमारी और मौत की होगी निगरानी
अस्पतालों को गर्मी के मौसम में बढ़ते तापमान के कारण अग्नि सुरक्षा चिंता को ध्यान में रखने को कहा गया है.
राज्यों को सलाह दी गयी है कि वे अपनी स्वास्थ्य सुविधा सूची को यथाशीघ्र दिये गये मानदंडों के अनुरूप अपडेट करें.
नियमित रूप से हीट बेव पर रिपोर्टिंग की निगरानी करने के साथ ही 2023 और 2024 के लिए आइएचआइपी पर अपने पोस्ट-सीजन डेटा की जांच करने की सलाह दी गयी है.
हीट स्ट्रोक को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और एंबुलेंस के लिए आवश्यक उपकरणों जैसे रेक्टल थर्मामीटर-जांच और आपातकालीन कोल्ड उपकरण जैसे पोर्टेबल बाथटब, बर्फ बनाने और उसका स्टोरेज, तिरपाल, स्वच्छ, ठंडा पेयजल, वाटर स्प्रेयर खरीदने की सलाह दी गयी है.
NEWSANP के लिए रांची से ब्यूरो रिपोर्ट