झरिया(JHARIA): झरिया थाना अंतर्गत कलाली पट्टी स्थित एक दलित परिवार की जमीन को दबंगों ने झरिया पुलिस की सहायता से अवैध कब्जा किया, जाति सूचक गाली-गलौच, मारपीट किया और विरोध करने पर पुलिस ने मामले की खानापुर्ति करके घर की दो मासुम महिलाओें के उपर धारा 107 लगाया। पीड़ित परिवार के रूबी कुमारी ने आज कम्यूनिटी सेंटर, जाॅमाडोबा में पहुॅचकर जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में इसकी शिकायत की हैं। झरिया पुलिस पर आरोप लगाया हैं कि पुलिस ने अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार (निवारण) अधिनियम 1989 की अवहेलना करते हुए दबंगों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से एस0सी0एक्ट के मामले को जमीन विवाद बता कर मामले की खानापुर्ति कर दिया। गुहार लगाया कि पुलिस ने जिस तरह से मिथ्या, तुच्छ, द्धेषपुर्ण, कपटपुर्ण और गलत तरीके से खानापुर्ति किया हैं और 107 की काविाई की हैं, जाॅचोंपरांत दोषियों के खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार (निवारण) 1989 के तहत कारिवाई की जाय। इससे यह मामला पुलिस प्रशासन के लिए गले हड्डी बनी गई हैं..
बतातें हैं कि रूबी कुमारी ने आज कार्यक्रम में उपस्थित होकर याचिका देकर दबंगों से उसकी खतियानी जमीन पर से अवैध कब्जा और निर्माण की हटाने की मॉग किया हैं, कहा है कि यदि यह नहीं हटाया गया तो उसके कारण उसके परिवार की जान जा सकती है। कहा कि मो0 सुलेमान रंगरेज ने गैर आबाद की जमीन पर घर बनाते समय झरिया पुलिस के जमादार हेब्रराम की सहायता से उसकी जमीन पर अवैध कब्जा करके अवैध निर्माण किया और यह जमीन उपेन्द्र साव की पत्नी के नाम बेच दिया और उसने भी अपने भाईयों के सहयोग से दबंगता पुर्वक उसकी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण किया। जमीन कब्जा के बाद से आये दिन गाली-गलौच करते रहता था। पिछले साल 26.01.23 को मोनु कुमार साव, सोनु कुमार साव, कृष्णा साव, श्रवण साव एवं अन्य ने उसके एवं उसकी पत्नी के साथ मारपीट, गाली-गलौच, जाति सूचक, छेड़छाड़, लूटपाट जैसी घटना को अंजाम दिया। पुलिस में शिकायत करने पर दरोगा फारूक अंसारी ने कोई कार्रवाई नहीं किया..
इससे दबंगों ने एक बार फिर उसके घर की सभी महिलाओं और उसके भाई-बंधु ने मिलकर 09.01.24 कोे सुनियोजित साजिश के तहत घटना की पुनरावृति की और पुर्व झरिया इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह, दरोगा फारूक अंसारी एवं ए0एस0आई0 भुनेश्वर उरांव तथा पुर्व सिंदरी डी0एस0पी0 अभिषेक कुमार, की मिलीभगत से जमीन विवादित हैं, जमीन विवाद बताकर घर की दो मासुम महिलाओं का नाम धारा 107 की अनुसंशा किया, जबकि जमीन उसकी खतियानी हैं। वही घटना में शामिल दबंग परिवार की महिलाओं का नाम हटा दिया। जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार (निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दलित जाति की जमीन पर कब्जा, उसके सरेराह अपमान करने, जाति सुचक गाली-गलौच तथा मिथ्या, तुच्छ, द्धेषपुर्ण, कपटपुर्ण और गलत सूचना के आधार पर खानापुर्ति किया हैं, यह मामला एक्ट के अधीन आ जाता हैं..
NEWSANP के लिए झरिया से अरविंद सिंह बुंदेला की रिपोर्ट