धनबाद(DHANBAD): आज से नहाय खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो गई. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले दिन यानि कि आज नहाय खाय है. इस दिन लौकी की सब्जी, चने का दाल और चावल (भात) खाने का महत्व है. इसको बनाने से लेकर खाने तक हर जगह शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस महापर्व का समापन शुक्रवार 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर किया जाएगा.
छठ पर्व एकमात्र ऐसा सुअवसर है जहां उगते सूर्य के साथ-साथ अस्त होते हुए सूर्य की भी पूजा की जाती है. छठ पूजा सूर्य, प्रकृति, जल, वायु और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है. पार्वती का छठा रूप भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को त्योहार की देवी के रूप में पूजा जाता है.
कब है नहाए खाय का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 05 नवंबर यानी आज नहाय खाय है. इस दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करने के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं. भोजन में चावल-दाल और लौकी की सब्जी ग्रहण करते हैं.
क्यों खाते हैं सात्विक भोजन
नहाय खाय के दिन छठ का व्रत रखने वाले पुरुष या महिला सात्विक भोजन का सेवन करते हैं. पहले दिन खाने में ऐसी चीजों को शामिल किया जाता है जिससे व्रत वाले दिन भूख-प्यास कम लगे. नहाय खाय के दिन बिना प्याज, लहसुन के सब्जी बनाई जाती है. इस दिन लौकी और कद्दू की सब्जी बनाने का खास महत्व होता है. नहाय खाय में लौकी चना की दाल को भात से खाया जाता है.
नहाय खाय के दिन कद्दू खाने के पीछे धार्मिक मान्यताओं के साथ वैज्ञानिक महत्व भी है. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और 36 घंटो के निर्जला उपवास के दौरान जरुरी पोषण तत्वों की भरपाई के लिए यह खाना मदद करता है. पटना के डॉ. पवन प्रकाश भी इस बात से सहमति रखते हैं.
चार दिनों तक चलेगा यह महापर्व
छठ पूजा की शुरूआत आज यानि कि नहाय खाय से हो गई है. इसके बाद 06 नवंबर को खरना, 07 नवंबर को सायंकालीन अर्घ्यदान और 08 को प्रातःकालीन अर्घ्य के बाद पारण होगा. इसके साथ ही इस महापर्व का समापन भी होगा.
NEWSANP के लिए धनबाद से रागिनी पांडेय की रिपोर्ट