रांची (RANCHI) झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023
जेएसएससी सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई है. शनिवार को राज्यभर में परीक्षा शुरू होने से पहले ही पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई, जो अब राजनीतिक का रूप लेने लगा. हेमंत सरकार के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है, वहीं जेएमएम की ओर से भी पलटवार किया गया है.
झारखंड में पहली बार इंटरनेट सेवाएं बंद कर कोई प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई है. मुख्यमंत्री ने खुद बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा की थी। इसको लेकर गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि राज्य भर में 823 परीक्षा केंद्र बनाया गया है। झारखंड सीजीएल परीक्षा आज और कल आयोजित की गई। पेपर से बस 3 दिन पहले ही एडमिट कार्ड जारी किया गया है। सीजीएल परीक्षा में 3 पेपर होंगे और यह तीनों पेपर एक ही दिन तीन शिफ्ट में आयोजित किए गए है। कैंडिडेट को एक ही दिन में यह तीन पेपर देने होंगे। यह परीक्षा असिस्टेंट ब्रांच ऑफिसर, जूनियर सचिवालय सहायक, ब्लॉक सप्लाई ऑफिसर और प्लानिंग असिस्टेंट के पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाएगी। एक ही दिन में 3 पेपर होंगे जो दो शिफ्ट में आयोजित होंगे। पेपर 1 दो पार्ट में होगा पहला होगा लैंग्वेज का पेपर जो कि सुबह 8:30 बजे से होगा। इसका रिपोर्टिंग टाइम 7 बजे का है। यह पेपर 10:30 बजे तक चलेगा। फिर 11:30 बजे क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा का एक पेपर होगा। यह दोपहर 1:30 बजे तक चलेगा और फिर आखिर में सामान्य ज्ञान वाला पेपर दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने के पीछे जेएसएससी की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा को फुलप्रूफ बनाए जाने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में आज 21 सितंबर को जैसे ही 8.30 बजे रांची धनबाद , जमशेदपुर सहित अन्य जिलों के परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होते ही इंटरनेट बंद कर दी गई. इंटरनेट सेवा बंद होते ही जहां लोग घंटों सोशल मीडिया से दूर हो गए तो वहीं दूसरी ओर मोबाइल बैंकिंग जैसी सारी सुविधाएं भी ठप हो गईं. प्रशासन की यह तैयारी कल यानी 22 सितंबर को होने वाली परीक्षा के दौरान भी सुबह 8.30 बजे से दिन के 1.30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर परीक्षा आयोजित करने का है.
इंटरनेट सेवा बंद होने के बाद इसपर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने सरकार के इस फैसले की वजह से आम लोगों को हो रही परेशानी पर तंज कसते हुए इसकी निंदा की है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने इंटरनेट बंद कर परीक्षा आयोजित किए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को अपनी प्रशासनिक तैयारी को पुख्ता करनी चाहिए. कदाचार मुक्त परीक्षा हो, इसे सभी लोग चाहते हैं लेकिन इसको रोकने के लिए आम लोगों की परेशानी बढ़ जाए यह नहीं होना चाहिए. सरकार ने कदाचार रोकने के लिए तो कड़े प्रावधान कर ही रखा है.
कोई भी सरकार इतनी अव्यवहारिक कैसे हो सकती है?
जब पता है कि लाखों युवा परीक्षा को लेकर यात्रा पर होंगे, ऐसे में यूपीआई पेमेंट, परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने, ट्रेन बस के टिकट जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए निर्भरता इंटरनेट पर ही है। तो फिर इंटरनेट सेवा बंद करने का क्या औचित्य है? झारखंड में झामुमो, कांग्रेस, राजद और वामपंथियों के गठजोड़ वाली सरकार अघोषित आपातकाल की तरफ बढ़ रही है। अपनी व्यवस्था ठीक नहीं कर, जनता के लिए परेशानी खड़ी कर रही है।
सत्तापक्ष का विपक्ष पर पलटवार
इधर, विपक्ष के आलोचनाओं पर सत्तापक्ष ने बीजेपी पर पलटवार किया है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित करने में यदि चार घंटे लोगों को थोड़ी कठिनाई हो और इससे युवाओं का भला हो तो क्या हर्जा है. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि जिस तरह से पेपर लीक का मामला सामने आता रहता है और उसमें उत्तर प्रदेश और गुजरात के बड़े-बड़े सरगना का हाथ रहा है, ऐसे में सरकार ने इस परीक्षा को फुलप्रूफ बनाने के लिए यह कदम उठाया है. गौरतलब है कि विवादों के बीच यह परीक्षा 2015 से आयोजित की जा रही है.
NEWS ANP रांची से शिव पूजन सिंह के साथ कुंवर अभिषेक सिंह की रिपोर्ट..