धनबाद (DHANBAD) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 01मार्च 2024 को धनबाद दौरे पर आ रहें है ,जहां वो सिंदरी स्थित हर्ल कारखाना का विधिवत उद्घाटन करेंगे…वैसे ये फैक्ट्री पिछले एक साल से चालू है..प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करने पहले ही आने वाले थे लेकिन कतिपय कारणों से उनके कई बार आने का तिथि टलती रहीं…हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है,.. चुनाव आयोग मार्च महीने मे कभी तिथि जारी कर सकता है..ऐसे में आदर्श आचार संहिता लगने से पहले पीएम मोदी इस बार
HURL का उद्घाटन करने जा रहें है…इसके साथ ही बरवाअड्डा एयर पोर्ट पर चुनावी जनसभा कर एक तरह से झारखंड में लोकसभा की शंखनाद करेंगे…इसका प्रमुख कारण ये है कि सिंदरी में उद्घाटन कार्यक्रम स्थल और बरवा अड्डा में जनसभा स्थल की दूरी करीब 25 किलोमीटर की है…जहां कोयलांचल में तीन लोकसभा धनबाद ,गिरिडीह और कोडरमा के सभी विस क्षेत्रों से बीजेपी नेताओं को भीड़ जुटाने की जिम्मेवारी दी गई है…इधर HURL में पीएम के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कंपनी के सीएमडी डॉ शिबा प्रसाद मोहंती (एसपी मोहंती) ने NEWS ANP से ख़ास बातचीत में कहा कि सभी तैयारी पूरी कर ली गई.. गैस आधारित इस प्लांट से 3850 एमटीपीडी नीम कोटेड यूरिया और 2200एमटीपीडी ओमोनिया उर्वरक का उत्पादन हो रहा है..इस वक्त बरौनी और गोरखपुर से ज्यादा उर्वरक उत्पादन सिंदरी कर रहा है..देश के किसानों को जरूरतों को पूरा करने में सिंदरी HURL मिल का पत्थर साबित हो रही है..इधर पूरे परिसर में एसपीजी और जिला प्रशासन सुरक्षा की जिम्मेवारी ले चुकी है.. इधर PM मोदी के अगमान को लेकर धनबाद की जनता उत्साहित है, और उन्हें उम्मीद है की इस बार प्रधानमंत्री एयरपोर्ट बनाने की मांग को जरुर पूरा करेंगे…
अब जानिए सिंदरी के एफसीआई और HURL का इतिहास..
1930 में बंगाल में भयंकर अकाल पड़ा था..उससे सबक लेते हुए आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1947 में एफसीआइ खाद कारखाना की नीव रखी.और 1952 में इसका उद्घाटन किया तब देश के प्रथम उद्योगमंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी यहां आए थे….देश में किसानों को खाद की जरूरत को देखते हुए सिंदरी में FCI स्थापित हुई थी..नेहरू ने इसे भारत के औद्योगिक विकास का आधुनिक मंदिर कहा था..बाद में भारत में हरित क्रांति लाने के लिए इस कारखाना ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई ..हालांकि 2002 में अटल बिहारी वाजपेई के शासन काल में फैक्ट्री को रुग्ण और घाटे का कारण बताते हुए बंद कर दिया गया और 2000 कर्मचारी जबरन सेवानिवृत कर दिए गए..भाजपा के शासनकाल में ही बंद हुई फैक्ट्री पुनः 25मई 2018 में पीएम मोदी द्वारा इसके स्थान पर HURL का शिलान्यास किया गया और और तय समय से 22माह बाद शुरू हुए कारखाना का उत्पादन पिछले साल से चालू है..अब एक साल बाद इसका विधिवत उद्घाटन करने पीएम मोदी 01मार्च 2024 को धनबाद आ रहें है..
भारतीय उर्वरक निगम भारत में एक सरकारी स्वामित्व वाली उर्वरक निर्माता के रूप में स्थापित की गई है। यह भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के स्वामित्व में है या 1961 में शुरू हुआ जब भारत सरकार ने कई उर्वरक कंपनियों को एक एसबीयू में समेकित किया।FCI की पांच राज्यों में विनिर्माण इकाई है सिंदरी कंपलेक्स (झारखंड) गोरखपुर कंपलेक्स (उत्तर प्रदेश) रामागुंडम परिसर (तेलंगाना),तालचर परिसर (ओडीशा) और कोरबा छत्तीसगढ़ में एक गैर कमीशन परियोजना है 1992 में संगठन को बीमार घोषित किया गया और 2002 में भारत सरकार ने इसे बंद करने के लिए कार्रवाई शुरू की इनके के संचालक को फिर से शुरू करने की मांग को देखते हुए में 2010 तक एक सरकारी दिन माफी योजना की प्रारंभिक मंजूरी प्राप्त हुई जिसके द्वारा इसकी पांच इकाइयों में संचालन को फिर से शुरू करने की अनुमति प्राप्त हुई।
1978 में FCIL को फिर से संगठित किया गया और पांच अलग-अलग संस्थाओं का गठन किया गया,FCIL फर्टिलाइजर लिमिटेड हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड HFCL, राष्ट्रीय कंपलेक्स एं फर्टिलाइजर्स RCF और प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया PDIL 1990 के दशक के मध्य में, FCI भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी में से एक थी.
इन निर्माण इकाइयों के अलावा फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के तहत 9 जिप्सम उत्पादक इकाइयां भी थी, जो एक अन्य डिविजन जोधपुर माइनिंग ऑर्गनाइजेशन के माध्यम से संचालित हो रही थी अब इसका नाम बदलकर एफसीआई अरावली जिप्सम और मिनरल इंडिया लिमिटेड कर दिया गया है।…
