छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में सिर्फ झींगुरों की आवाजें गूंजती थीं और झाड़ियों की सरसराहट। पर बीती रात, जंगल के सीने में उतर रहा था मौत का सन्नाटा और आने वाली सुबह बदलने वाली थी बीजापुर की हवा। सुरक्षाबलों की थकी मगर तेज निगाहें अब भी झाड़ियों के पार हर परछाईं को पहचान रही थीं। और फिर एक हल्की सी आहट, एक संदिग्ध परछाईं और गूंज उठीं गोलियों की आवाजें। करीब चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लगभग 39 नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया। कर्रेगुट्टा और नम्बी के बीच, घने जंगल की पहाड़ी में, मौत और मुकाबले की होड़ मच गई थी। जब धुआं छंटा, तो जमीन पर पड़े थे 20 से अधिक नक्सलियों के शव। अनुमान है कि संख्या 40 से भी अधिक है। इस तरह ‘लाल खून’ खुद ही मिट्टी में समा गया। खबर है कि कुछ नक्सली शव लेकर भाग निकले हैं। इसीलिए सर्च ऑपरेशन और तेज हो चुका है।
NEWSANP के लिए छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट

