रांची(RANCHI): झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी), झारखंड विद्युत वितरण निगम और झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम के खाते से करीब 107 करोड़ रुपए की हेराफेरी मामले में सीआईडी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को इन सभी को जेल भेज दिया गया। इससे पहले बुधवार को हिरासत में लेकर इनसे पूछताछ की जा रही थी। इनमें जेटीडीसी के तत्कालीन • लेखापाल सह कैशियर गिरिजा प्रसाद सिंह, कैनरा बैंक निफ्ट हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार और दो साजिशकर्ता बोकारो के रूद्र सिंह व रांची के लोकेश्वर साह शामिल हैं। गिरजा प्रसाद पटना के तो अमरजीत कुमार रांची के हैं..
एसआईटी ने इन चारों की निशानदेही पर 85 लाख रुपए कैश, 15 लाख रुपए के सोने के जेवरात बरामद किए हैं। वहीं विभिन्न बैंकों में 19.70 करोड़ रुपए फ्रीज कराया है। इन सभी पर जेटीडीसी के खाते से 10.40 करोड़ रुपए, विद्युत वितरण निगम के खाते से 56.50 करोड…
सीआईडी थाने में 4 अक्टूबर को दर्ज हुई थी एफआईआर
फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी इस हेराफेरी में पर्यटन और विद्युत निगम के कुछ और अधिकारियों की संलिप्तता के बिंदु पर जांच कर रही है। एसआईटी को कुछ और अधिकारियों के बारे में जानकारी मिली है। इस मामले में सबसे पहले 28 सितंबर को जेटीडीसी के जीएम (वित्त) ने धुर्वा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। सीआईडी ने इस केस को टेकओवर करते हुए चार अक्टूबर को सीआईडी थाने में एफआईआर दर्ज की थी और ऊर्जा उत्पादन निगम से खाते से 40.50 करोड़ रुपए की निकासी का आरोप है। सीआईडी को जांच के दौरान इस फर्जीवाड़े में कुछ और लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है। उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है..
NEWSANP के लिए रांची से ब्यूरो रिपोर्ट

