जामताड़ा(JAMTADA):जामताड़ा जिला प्रशासन ने होली उत्सव को शान्ति पूर्ण मनाने का दावा किया। हालांकि जब होली खेलने वाले तीन नाबालिग बच्चों को मार पिट के आरोप में गिरफ्तार कर सुधार गृह भेज दिया । जो विवाद का विषय बन गया। इस पर तत्पर पुलिसिंग और मजिस्ट्रेटियल हनक का पोल पट्टी खुल गया।
कौन:
इस घटना में जामताड़ा जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस और तीनो नाबालिग बच्चों के ट्राएंगल को समझना चाहिए। जामताड़ा डीसी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निर्देशों का पालन अनुसरण ही नहीं हुआ। यहां शांति समिति को पुलिस और मजिस्ट्रेट दोनो पक्ष ने नजर अंदाज कर दिया।
कब:
यह घटना होली उत्सव के दौरान हुई.
कहां:
यह घटना जामताड़ा जिले में, विशेष रूप से आम बगान मोड़ और अंबेडकर नगर में मिहिजाम पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई।
क्यों:
प्रशासन ने होली शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद बच्चों को सुधार गृह भेजा। हालाँकि, मजिस्ट्रेटों की नियुक्तियां जिला प्रशासन ने गर्व से महत्वपूर्ण स्थानों पर किया । बड़ी संख्या में जिला प्रशासन का सिपहसलार मौके से नदारद रहे। उनकी अनुपस्थिति या उपस्थित को लेकर जिला प्रशासन के पास कोई पुख्ता मेकेनिज्म नहीं है। अलबत्ता मोबाईल कंपनियां ऐसे धोखेबाज सरकारी जांबाजों के लिए रूट चार्ट आप्शन देती है। शान्ति समिति के माननीय, मजिस्ट्रेट सर और पुलिस भी इस घटना के लिए उतने ही जिम्मेदार है। घटना के वक्त दोनों जगह पर मजिस्ट्रेट, माननीय शांति समिति सदस्य और पुलिस मौके से नदारद नहीं थे क्या ? जबकि धटना का जगह पहले से संवेदनशील ही नहीं अति संवेदनशील है।
कैसे:
पुलिस ने सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए होली खेलते समय नाबालिगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक बच्चे को सुधार गृह भेज दिया गया। आगे विवाद तब पैदा हुआ जब पता चला कि कई मजिस्ट्रेट, जिन्हें ड्यूटी पर होना चाहिए था, अनुपस्थित थे या दूसरे जिलों में थे, जिससे प्रशासन के प्रयासों असफल हुआ ।
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NEWSANP के लिए जामताड़ा से आर पी सिंह की रिपोर्ट

