आपके स्पर्श में दवा नहीं, दुआ बसती है। – जीवन अग्रवाल
डॉक्टर न केवल शरीर का उपचार करते हैं, बल्कि टूटती उम्मीदों को थामते हैं, बिखरती सांसों में विश्वास भरते हैं, और हर दर्द को अपने धैर्य से जीतते हैं – डॉ. मनीष शर्मा (शाखा अध्यक्ष)
झरिया(JHARIA):1 जुलाई – डॉक्टर्स डे के अवसर पर मारवाड़ी युवा मंच – झरिया शाखा ने झरिया के चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चार महान चिकित्सकों — डॉ. एस. के. भगानिया, डॉ. ओ. पी. अग्रवाल, डॉ. (श्रीमती) कृष्णा अग्रवाल और डॉ. अनूप शर्मा — को उनके अतुलनीय सेवाभाव, मानवीय संवेदना और समाज के प्रति समर्पण के लिए सम्मानित किया। आपकी करुणा, सेवा और निष्ठा समाज के लिए एक अमूल्य धरोहर है। आप हैं – मानवता के असली रक्षक।
डॉ. एस. के. भगानिया — झरिया में चिकित्सा सेवा का एक जीवंत प्रतीक हैं। वे न केवल पहले नर्सिंग होम के संस्थापक हैं, बल्कि हजारों ज़रूरतमंदों के लिए उम्मीद की किरण बन चुके हैं। उनके पास इलाज के लिए पहुंचे किसी भी व्यक्ति को कभी पैसे के कारण लौटना नहीं पड़ा। जात-पात से परे, हर वर्ग और समुदाय के मरीजों के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। वे सच्चे अर्थों में समाज के ‘स्वस्थ धरोहर’ हैं।
डॉ. भगानिया झरिया चिकित्सा जगत के उस पवित्र दीपक की तरह हैं, जिन्होंने दशकों से हजारों रोगियों के जीवन में आशा का प्रकाश फैलाया है। उन्होंने वर्षों तक मात्र 50 रुपये की नाममात्र फीस में परामर्श देकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवा सुलभ बनाई।
स्वास्थ्य ठीक न रहने के बावजूद, आज भी वे भूईफोड़ से झरिया तक सिर्फ सेवा-भाव से आते हैं और मरीजों को देखते हैं। उनके लिए यह सिर्फ पेशा नहीं, जीवन का संकल्प है। उनकी सेवा का प्रभाव मात्र इलाज तक सीमित नहीं रहा उन्होंने समाज में विश्वास, करुणा और इंसानियत को भी जीवंत किया है।
“आपने केवल रोगियों का उपचार नहीं किया, बल्कि समाज में आशा, विश्वास और संवेदना भी जगाई। आपका जीवन सच्ची सेवा का एक जीता-जागता उदाहरण है, और आपकी उपस्थिति इस नगर के लिए एक आशीर्वाद है।”
डॉ. ओ. पी. अग्रवाल — लाइफ़ लाइन हॉस्पिटल के निदेशक और मारवाड़ी सम्मेलन, झरिया के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे वर्षों से मारवाड़ी समाज और युवा मंच के हर अभियान में सक्रिय सहयोग देते आ रहे हैं। हाल ही में हुए रक्तदान शिविर में उन्होंने स्वयं रक्तदान कर युवाओं को प्रेरित किया। उनके सौजन्य से 3 जुलाई को एक नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किया जा रहा है, जो समाज के सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करेगा।
डॉ. अनुप शर्मा, जो वर्षों से भगनिया नर्सिंग होम में समर्पण के साथ चिकित्सा सेवा दे रहे हैं, उन्हें भी मारवाड़ी युवा मंच – झरिया शाखा द्वारा डॉक्टर्स डे के अवसर पर सम्मानित किया गया। वे डॉ. एस. के. भगनिया जी के सेवाभाव को आत्मसात करते हुए हर वर्ग के मरीजों को सहज, सुलभ और स्नेहपूर्ण इलाज उपलब्ध करा रहे हैं। उनकी कार्यशैली में सादगी, संवेदना और शुद्ध प्रोफेशनलिज्म का अद्भुत संतुलन देखने को मिलता है।
डॉ. कृष्णा अग्रवाल – वर्षों से मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा संचालित मातृ सदन अस्पताल में नारी स्वास्थ्य व मातृत्व सेवा के क्षेत्र में निरंतर समर्पित भाव से कार्यरत हैं। मातृ सदन अस्पताल झरिया का एक ऐसा संस्थान है, जहां जच्चा-बच्चा की संपूर्ण देखभाल अत्यंत किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जाती है।
डॉ. एस. के. भगनिया ने कहा:
“मेरे लिए डॉक्टर होना एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा का संकल्प है। मैं मारवाड़ी युवा मंच का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे याद किया और मेरे जीवन की साधना को सम्मान दिया।”
डॉ. ओ. पी. अग्रवाल ने कहा:
“युवा मंच मेरे दिल के बहुत करीब है। जब भी मंच सेवा का आह्वान करता है, मैं बिना सोचे साथ खड़ा होता हूँ। 3 जुलाई का स्वास्थ्य शिविर समाज के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आएगा।”
डॉ. कृष्णा अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा:
“सेवा का क्षेत्र चाहे छोटा हो या बड़ा, जब तक उसमें प्रेम और करुणा है – वह समाज के लिए संजीवनी बन जाती है। मैं मंच द्वारा मिले इस सम्मान से भावविभोर हूँ।”
कोसाध्यक्ष किरण शर्मा ने कहा :
“डॉक्टर्स सिर्फ इलाज नहीं करते, वे जीवन को आशा देते हैं। मारवाड़ी युवा मंच – झरिया शाखा को गर्व है कि हमारे नगर में ऐसे समर्पित चिकित्सक हैं जो वर्षों से समाज की निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। हम भविष्य में भी स्वास्थ्य क्षेत्र में इसी भावना से कार्य करते रहेंगे।”
कार्यक्रम संयोजक मयंक केजरीवाल ने कहा:
“आज का दिन केवल डॉक्टरों का नहीं, मानवता का उत्सव है। डॉ. भगानिया और डॉ. अग्रवाल जैसे व्यक्तित्व इस नगरी का गौरव हैं। उन्हें सम्मानित करना हमारे लिए सौभाग्य है।”
शाखा सदस्य जीवन अग्रवाल, आशीष भुसानिया, किरण शर्मा, गौतम अग्रवाल, संयोजक मयंक केजरीवाल, अध्यक्ष मनीष शर्मा उपस्थित थे।
NEWSANP के लिए झरिया से रागिनी पांडेय की रिपोर्ट