धनबाद(DHANBAD):धनबाद शहर में सनोत संथाल समाज के द्वारा सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर एक जोरदार प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिन्होंने शहर में एक जुलूस निकाला और रणधीर प्रसाद वर्मा चौक पर एक सभा आयोजित की।
प्रदर्शनकारियों ने ढोल नगाड़े और तीर धनुष के साथ जोरदार रैली निकाली, जो शहर में भ्रमण करते हुए रणधीर वर्मा चौक पहुंची और सभा में तब्दील हो गई। सनोत संथाल समाज के रमेश टुडू और रतीलाल टुडू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय लंबे समय से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इस मांग को अनदेखा कर रही है।
रमेश टुडू और रतीलाल टुडू ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपनी पहचान और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार उनकी मांगों को नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय प्राकृतिक के पुजारी हैं और मूर्ति की पूजा नहीं करते हैं, लेकिन जनगणना के कॉलम में उनके लिए कोई धर्म कोड नहीं दिया गया है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार 2025-26 में जातीय जनगणना करने जा रही है, लेकिन आदिवासी समुदाय के लिए कोई धर्म कोड नहीं दिया गया है। इससे आदिवासी समुदाय के लोगों को अपनी जाति और धर्म को दर्ज करने में परेशानी होगी, और उनकी संख्या का पता नहीं चल पाएगा।
रमेश टुडू और रतीलाल टुडू ने कहा कि आदिवासी समुदाय ने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी है, और जल, जंगल, जमीन, नदी और पहाड़ों की सेवा और सुरक्षा की है, लेकिन आज उनकी पहचान खतरे में है। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी समुदाय को एक साजिश के तहत देश से समाप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि जब तक आदिवासी समुदाय को सरना धर्म कोड लागू नहीं किया जाता है, तब तक वे जातीय जनगणना नहीं होने देंगे। आदिवासी समुदाय अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेगा, और तब तक प्रयशरत और आंदोलनरत रहेगा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है।
NEWS ANP के लिए गोविन्द की रिपोर्ट।

