जामताड़ा(JAMTARA): जामताड़ा विधानसभा से बीजेपी की उम्मीदवार सीता सोरेन जनसंपर्क अभियान युद्धस्तर में चल रही है। उन्हें अपने लंबे राजनीतिक अनुभवों का लाभ मिलते दिख रहा है। इस दौरान सोरेन मंत्री इरफान अंसारी के घोषित विकास माॅडल की चुनौती को एक एक कर झुठलाने में लगी हैं। आदिवासी गांव के दौरे के दौरान वह बेहद चौकन्नी दिखाई दे रही है..
जहां आज भी यह समाज मंत्री इरफान अंसारी के क्षेत्र में पाषाण युग में जी रहें है। यह है जामताड़ा प्रखंड से पांच किलोमीटर पर स्थित पंजनिया पंचायत का आदिवासी बाहुल्य गांव बाड़ेडीह। यह गांव बराकर नदी के तट पर बसा है। जहां ढाई दर्जन परिवार है। यहां तक हम उभर खराब जंगली रास्ते में हिचकोले खा कर पहुंचे। जहां आपको एक 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला माकु हेंब्रम के साथ सीता सोरेन दिखाई दे रही है। यह बुजुर्ग बरसात में टुट गए मिट्टी की दिवाल को ठीक कर रही है..
इनका एक बेटा है। जो वर्षों पहले कहीं काम करने गया। वह आज तक वापस नहीं लौटा। इन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला। लिहाजा खपरैल घर में रहती है। जो अब जगह जगह टूटने लगा है। गांव के छोटे-छोटे बच्चे जंगली रास्ता तय कर पंजनिया पढ़ाने जाते हैं। यहां मजदूरी से जीवन यापन करने वाले आदिवासियों को सहारा न तो जनप्रतिनिधि से मिली है। न ही इनकी सुध पंचायत ने ली है..
अलबत्ता चुनाव प्रचार के लिए गांव पहुंची सीता सोरेन ने इनका दु:ख दर्द दूर करने का भरोसा दिया है। सीता सोरेन के आरोप पर जिला कांग्रेस प्रवक्ता आर सी ने पलटवार कर पंजनिया में इरफान अंसारी के कार्यकाल में झड़ी लगाते हुए। वहां हुए विकास की गाथा एक सांस में बयां किया है….
NEWSANP के लिए जामताड़ा से आरपी सिंह की रिपोर्ट