लोन लेकर पिता ने बेटी को खेलने भेजा चीन, धनबाद की बेटी ने मेडल जीत देश का किया नाम रोशन…

लोन लेकर पिता ने बेटी को खेलने भेजा चीन, धनबाद की बेटी ने मेडल जीत देश का किया नाम रोशन…

धनबाद(DHANBAD): परिस्थितियां कितनी भी विपरीत हो, यदि बेहतर करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो व्यक्ति अपनी मंजिल को हासिल कर ही लेता है. यह बात बलियापुर के मोदीडीह की रहने वाली 18 वर्षीय अन्नु कुमारी पर एकदम सटीक बैठती है. अन्नू एक आधुनिक पेंटाथलॉन खिलाड़ी है. पेशे से दर्जी अन्नू के पिता ने अपनी बेटी को चीन में हुए पेंटाथलॉन- लेजर रन के विश्व चैंपियनशिप में खेलने भेजा. बेटी ने भी पिता की मेहनत की कद्र करते हुए चैंपियनशिप में बॉन्ज मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया.

अन्नू ने कहा- पैसा नहीं होने के कारण चीन जाना मुश्किल था
अन्नु बताती है कि जून 2024 में उसे चीन में आयोजित पेंटाथलॉन- लेजर रन विश्व चैंपियनशिप में खेलने जाना था. पैसे नहीं होने की वजह से वहां जाना मुश्किल था. मगर उनके पिता ने लोन लेकर उसे खेलने के लिए चीन भेजा. वहां जीते गये पदक को उसने अपने पिता को समर्पित किया. अन्नु ने बताया कि उनके पिता पुणे में दर्जी का काम कर अपना परिवार का पालन पोषण करते हैं. अभी तक अन्नु को राज्य सरकार और केंद्र सरकार किसी तरह की मदद नहीं मिली है. अन्नु का सपना देश के लिए खेल कर ओलिंपिक में पदक जीतना है. वर्तमान में अन्नु धनबाद में चल रहे आधुनिक पेंटाथलॉन नेशनल कैंप में शामिल हैं.

रोचक तरीके से हुई खेल जीवन की शुरुआत
अन्नु बताती है कि 2017 से उन्होंने खेलना शुरू किया. धनबाद के बलियापुर की रहने वाली अन्नु ने अपने खेल की शुरुआत की रोचक कहानी बतायी. अन्नु ने बताया कि उसे घर के काम करने में मन नहीं लगता था. उनकी मां लक्ष्मी देवी उसे हमेशा काम करने को बोला करती थी. एक बार मां से काम को लेकर बहस होने के बाद वह मैदान की तरफ भाग गयी. वहां दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था. उस दौड़ में अन्नु ने हिस्सा लिया और एक हजार रुपये की इनाम राशि जीती. यहीं से अन्नु के खेल जीवन का शुरुआत हुई.

कभी गांव वाले देते थे ताना, अब तारीफ करते नहीं थकते
अन्नु बताती है कि पहले जब वह दौड़ा करती थी, तब उसके ही गांव वाले ताना कसते थे. मगर अब जब अन्नू ने खेल की दुनिया में अपना नाम कमा लिया है, अब वही लोग अन्नु की तारीफ करते नहीं थकते हैं.

खुद निकलती है अपना खर्च
अन्नु अपने खेल से ही अपना खर्च निकालती है. पिता का पैसा पूरी तरह घर चलाने में खर्च हो जाता है. अन्नू लोकल दौड़ में हिस्सा लेकर अपना खर्च खुद निकलती है. अन्नु का कहना है कि अगर सरकार से उसे मदद मिले तो वह देश का नाम और रोशन करेगी.

क्या है अन्नु की उपलब्धियां
आधुनिक पेंटाथलॉन नेशनल खेल-2024 : सिल्वर मेडल
पेंटाथलॉन- लेजर रन के विश्व चैंपियनशिप- 2024 : ब्रॉन्ज मेडल

खेलो झारखंड-2023 के 1500 मीटर दौड़ : ब्रॉन्ज मेडल
जिला स्तरीय दौड़ : 2019 से 24 तक लगातार गोल्ड मेडल

फलक तक विस्तार चाहती हैं कोयलांचल की होनहार बेटियां…
देश में लड़कियों को समान अवसर उपलब्ध कराने व उनको अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. यह सही है कि 21वीं सदी में बेटियों को खुले आसमां में उड़ने के लिए पंख दिये जा हैं, पर एक सच यह भी है कि आज भी बेटियां दोहरी मानसिकता की शिकार हो रही हैं. मौजूदा परिवेश की बेटियों का सपना है आत्मनिर्भर बनना. इसके लिए वे जी तोड़ मेहनत कर रही हैं. उन्हें अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा है. बेटियों को इस बात का दुख भी कि उन्हें अभी भी बुनियादी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. बेटियां परिवार-समाज से यही तो चाहती हैं कि उन पर भरोसा करें, वो फलक तक विस्तार करेंगी.

NEWSANP के लिए धनबाद से ब्यूरो रिपोर्ट

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