नई दिल्ली(NEW DELHI): राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, तेज प्रताप यादव सहित अन्य के खिलाफ ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले मामले में आरोप तय करने पर आदेश सोमवार को टाल दिया। अब विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत चार दिसंबर को इस पर फैसला सुनाएगी। सीबीआई ने इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करते हुए आरोप लगाया था कि रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियां देने के बदले रिश्वत के रूप में जमीन ली गई। इस मामले में सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120, 420, 468, 467 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 के तहत आरोपपत्र दाखिल किया था।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित बताए बचाव पक्ष ने आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया और कहा कि किसी भी नियुक्ति में नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ। लालू प्रसाद के वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि न तो कोई सिफारिश की गई, न ही यह साबित हुआ कि बिना कीमत के जमीन ली गई। उन्होंने कहा कि सभी जमीनें भुगतान कर खरीदी गई हैं और उनकी रजिस्टर्ड सेल डीड मौजूद है। राबड़ी देवी की ओर से भी यही दलील दी गई कि खरीदी गई जमीन का भुगतान किया गया था और किसी उम्मीदवार को कोई अनुचित लाभ नहीं मिला। बचाव पक्ष ने कहा कि सीबीआई भ्रष्टाचार का आरोप साबित नहीं कर पाई है और सभी लेनदेन वैध हैं, जिनका एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं है।
NEWSANP के लिए ब्यूरो रिपोर्ट

