“रचनात्मक शिक्षा से ही आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होता है” – पूनम भुसानिया…

“रचनात्मक शिक्षा से ही आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होता है” – पूनम भुसानिया…

मारवाड़ी विद्यालय, झरिया में द्विदिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम सम्पन्न

झरिया(JHARIA):रक्षाबंधन के पावन पर्व पर मारवाड़ी युवा मंच – झरिया शाखा द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास सप्ताह के अंतर्गत मारवाड़ी विद्यालय, झरिया में आयोजित दो दिवसीय रचनात्मक कार्यशाला आज सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को रचनात्मकता, आत्मनिर्भरता और भारतीय परंपराओं से जोड़ना रहा।

पहले दिन छात्राओं ने क्ले से राखी निर्माण की कला सीखी, जिसमें उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक डिज़ाइनों की सुंदर राखियाँ तैयार कीं।
दूसरे दिन छात्राओं को “टाई एंड डाई” (Tie and Dye) तकनीक के माध्यम से फैब्रिक डिज़ाइनिंग सिखाई गई।

पिडिलाइट कंपनी की ओर से प्रशिक्षक भूमि अग्रवाल ने बच्चियों को कपड़े पर डिज़ाइन बनाने की तकनीकी विधियाँ — जैसे कि फोल्डिंग पैटर्न, डाई की परतें और रंग संयोजन — बेहद सरल एवं व्यावहारिक ढंग से सिखाईं। छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए सुंदर और अनोखे डिज़ाइन तैयार किए, जो उनके अंदर छिपी रचनात्मक प्रतिभा का प्रमाण थे।

शाखा अध्यक्ष डॉ. मनीष शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा – “हमारा उद्देश्य बालिकाओं को केवल हुनरमंद बनाना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से भरना है। कौशल विकास सप्ताह के माध्यम से हम उन्हें ऐसे कौशल सिखा रहे हैं, जो न केवल रचनात्मक हैं बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सहायक सिद्ध होंगे।”

कार्यक्रम में मंच की वरिष्ठ सदस्या सुनीता अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने बच्चियों के कार्य को सराहा। कार्यक्रम संयोजक पूनम भुसानिया ने कहा – “रचनात्मक शिक्षा केवल कला नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास, अभिव्यक्ति और संस्कृति का संगम है। यह कार्यशाला छात्राओं के लिए न केवल सीखने का माध्यम बनी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित भी किया।”

कार्यशाला में मारवाड़ी विद्यालय समिति के प्रतिनिधि, विद्यालय की शिक्षिकाएँ एवं मंच के पदाधिकारीगण भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। कार्यशाला में भाग लेने वाली सभी छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे, ताकि उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके।

कार्यशाला का अगला चरण 31 जुलाई से महिला इंटर कॉलेज, झरिया में प्रातः 8 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ जैसे ग्लास पेंटिंग आदि सिखाई जाएँगी।

“रचनात्मकता, संस्कार और आत्मनिर्भरता की ओर एक और सार्थक कदम…”
– विकास अग्रवाल
जन सम्पर्क पदाधिकारी

NEWSANP के लिए झरिया से रागिनी पांडे की रिपोर्ट

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