लखनऊ (LUCKNOW): लखनऊ उत्तर प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी, डीएसपी मोहसिन खान, को एक गंभीर आरोप के बाद निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी के पद पर रहते हुए एक पीएचडी की छात्रा के साथ बलात्कार किया था। यह घटना पिछले साल 12 दिसंबर 2024 की बताई जा रही है। पीड़िता, जो कि कानपुर IIT की छात्रा है, ने एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद कानपुर पुलिस कमिश्नर ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया था।
मामले ने तब और गंभीर मोड़ ले लिया जब पीड़िता ने पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार को एक पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। अपने पत्र में, पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी की पुलिस अधिकारी होने के कारण उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उसने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करके अपनी गिरफ्तारी को रोकने में कामयाबी हासिल की है और इतना ही नहीं, उसने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर रोक भी प्राप्त कर ली है।
पीड़िता ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में अंत तक लड़ेगी और न्याय मिलने तक हार नहीं मानेगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने पीड़िता का पत्र मिलने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर से विस्तृत रिपोर्ट तलब की। रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने तत्काल प्रभाव से एसीपी मोहसिन खान को निलंबित करने का आदेश दिया है।
यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है, क्योंकि इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या आम लोगों को पुलिस से न्याय की उम्मीद करनी चाहिए, खासकर तब जब आरोपी खुद एक पुलिस अधिकारी हो।
NEWSANP के लिए लखनऊ से ब्यूरो रिपोर्ट
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