फाल्गुन कृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि।
लिंगयोद्भूतः कोटिसूर्यसमप्रभः।।
धनबाद(DHANBAD): फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी पर पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है, जिसे बड़े ही हषोल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। धनबाद जिला के विभिन्न शिवालयों मे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। शिवभक्तों द्वारा शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करके सुख समृद्घि की कामना की गई। इस अवसर पर सुबह से ही शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज शुरू हो गई। झरिया के चार नंबर टैक्सी स्टैंड स्थित प्राचीनतम मां मंगला चंडी काली मंदिर सहित कई शिवालयों में भगवान शिव का भक्तों द्वारा पंचामृत, पुष्पमाला, चंदन और अक्षत से पूजन किया गया एवं भक्तों ने जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक करके सुख समृद्घि की कामना की। मां मंगला चंडी काली मंदिर के पुजारी मिश्रा जी ने बताया कि इस चतुर्दशी को शिवपूजा करने का विशेष महत्व और विधान है।
कहते हैं कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंदमा सूर्य के नजदीक होता है। उसी समय जीवनरूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग-मिलन होता है। सूर्य देव इस समय पूर्णतः उत्तरायण में आ चुके होते हैं तथा ऋतु परिवर्तन का यह समय अत्यन्त शुभ कहा गया है। सुबह से ही भारी संख्या मे शिव भक्त यहां पहुंच भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती जी की पूजा अर्चना कर रहे हैं।
NEWSANP के लिए धनबाद से सन्नी शर्मा के साथ विवेक कुमार की रिपोर्ट