भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

सांसद राजीव राय ने सदन में उठाई आवाज!!

सांसद श्री #राजीव राय जी के गांव के ही स्वामी #श्रद्धानंद अवधूत जी रहे हैं जिन्होंने भोजपुरी में बहुत काम किया है
मुरली मनोहर पाण्डेय

मऊ। घोसी लोकसभा से सपा के सांसद राजीव राय ने मंगलवार को भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनसूची में शामिल करने के लिए लोक सभा के सदन में भोजपुरी से ही अपने कथन की शुरूआत किया। सांसद राजीव राय ने कहा कि संविधान के आठवीं अनुसूची में भोजपुरी भाषा के शामिल करे खातिर आज लोकसभा में नियम 377 के अधीन नोटिस देनी ह! अब मंत्री जी के जबाब क इंतजार बा। हिंदी के बाद सबसे ज्यादा बोले वाले भाषा के संगे सौतेला व्यवहार बरदाश्त ना होई। कहा कि भोजपुरी भाषा हजारों साल पुरानी है, इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है और यह बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है। ऐतिहासिक रूप से इसे कैथी लिपि में लिखा जाता था, लेकिन 1894 से देवनागरी लिपि ने इसे मुख्य लिपि के रूप में स्थान दिया। भोजपुरी का साहित्य भी समृद्ध है, जिसमें महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन, विवेकी राय और भिखारी ठाकुर जैसे लेखकों की कृतियां

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