सिंदरी(SINDRI):बीआईटी सिंदरी के उत्पादन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी “स्मार्ट और सतत विनिर्माण: इंडस्ट्री 4.0 और उससे आगे” का पाँचवाँ एवं अंतिम दिन 9 मई 2025 को सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस संगोष्ठी का उद्देश्य आधुनिक विनिर्माण तकनीकों, डिजिटलीकरण, स्वचालन, पर्यावरणीय स्थायित्व तथा उद्योग और शिक्षाजगत के बीच सहयोग को सशक्त बनाना रहा।
पाँचवें दिन के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. शितांशु शेखर चक्रवर्ती, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग अनुसंधान समूह, सीएसआईआर-सीएमईआरआई, दुर्गापुर ने “धात्विक घटकों की लेज़र आधारित एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग – वर्तमान स्थिति और चल रहे शोध” विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार लेज़र आधारित 3डी प्रिंटिंग तकनीक आधुनिक विनिर्माण उद्योग में क्रांति ला रही है और इसके अनुप्रयोग सतत विकास की दिशा में अग्रसर हैं।
द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ. आलोक राज, एसोसिएट प्रोफेसर, एक्सएलआरआई, जमशेदपुर ने “इंडस्ट्री 4.0 हेतु आपूर्ति श्रृंखला का डिजिटलीकरण” विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने आपूर्ति श्रृंखला में डिजिटलीकरण के महत्व, इसकी चुनौतियों और इसके माध्यम से उद्योगों की दक्षता और पारदर्शिता में आने वाले सुधारों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री संजीव कुमार सिंह , जनरल मैनेजर, सेल, आईएसपी चासनाला ने एस सेमिनार को इंडस्ट्री के भविष्य की संभावनों वाला बताया और प्रतिभागीयों को सर्टिफिकेट प्रदान किए ।
समापन समारोह में संगोष्ठी संयोजक व विभागध्यक्ष प्रो. प्रकाश कुमार ने सेमिनार को सार्थक बताते हुए कहा कि यह सेमिनार तकनीकी शिक्षा जगत तथा इंडस्ट्री को एक साथ लाने की पहल थी जो काफ़ी हद तक सफल रही ।
समापन समारोह में आए प्रतिभागियों को उनके शोध पत्रों हेतु प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए। प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत किए गए शोध कार्यों में नवीनता, तकनीकी गहराई एवं औद्योगिक उपयोगिता की झलक देखने को मिली।
अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश कुमार तथा संगोष्ठी समन्वयक डॉ. सुमंत मुखर्जी द्वारा आमंत्रित वक्ताओं को स्मृति चिह्न भेंट कर और उनके योगदान हेतु धन्यवाद ज्ञापित कर किया गया।
संगोष्ठी के पाँचों दिन तकनीकी ज्ञान, नवाचार, शोध एवं औद्योगिक उन्नति के क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध हुए।
NEWSANP के लिए सिंदरी से भोला बाउरी की रिपोर्ट

