पटना(PATNA): बिहार विधानसभा की चार सीट रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज के उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्ववाले एनडीए की शानदार जीत से सदन के अंदर का समीकरण बदल गया है. विधानसभा में पहले ही सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गैप तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से और बढ़ गया है. बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने वाला है. इसमें बदली हुई तस्वीर दिखेगी. उपचुनाव का असर भी देखने को मिलेगा….
सदन में नीतीश कुमार हुए और मजबूत
रामगढ़ और तरारी जीतने के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 78 से बढ़कर 80 हो गई है. सदन की सदस्य सूची में दर्ज राजद के 77 विधायकों में नीलम देवी, प्रह्लाद यादव और चेतन आनंद भी शामिल हैं, जो इस साल फरवरी में नीतीश की एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान सत्ता पक्ष के साथ हो गए थे. ऐसे में राजद की वास्तविक सदस्य संख्या 74 हो गयी है. बेलागंज में मनोरमा देवी की जीत से विधानसभा में जेडीयू की ताकत सदन में 44 से बढ़कर 45 हो गई है, जबकि राजद के विधायक नीलम, चेतन और प्रह्लाद भी उनके साथ हैं. ऐसे में जदयू की सदन में वास्तविक संख्या 48 हो गयी है. जीतनराम मांझी की पार्टी हम के विधायकों की संख्या फिर से 4 हो गई है….
भाजपा सदन में सबसे बड़ी पार्टी
2020 में जब चुनाव हुए थे तब 75 सीट के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. तब एनडीए कैंप में भाजपा को 74, जेडीयू को 43, हम और वीआईपी को 4-4 सीट मिली थी. विपक्ष में राजद के 75 के अलावा कांग्रेस के 19, सीपीआई-माले के 12, सीपीआई और सीपीएम के 2-2 विधायक थे. भाजपा विधानसभा में इससे पहले सिर्फ एक बार 80 पार गई है, जब 2010 के चुनाव में उसे 91 सीट मिले थे, तब जेडीयू के 115 विधायक जीते थे. 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में अब तक 7 बार उपचुनाव हुआ है. 4 सीटों पर परिणाम आने के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. बीजेपी विधायकों की संख्या अब 80 हो गई है….चार साल के अंदर 7 विधानसभा उपचुनाव17वीं विधानसभा में यह 7वां मौका रहा, जब बिहार विधानसभा उपचुनाव कराए गए. इससे पहले विधानसभा की 9 सीटों पर 6 बार उपचुनाव हो चुके हैं. अब से पहले तारापुर, कुशेश्वर स्थान, बोचहां, कुढ़नी, मोकामा, गोपालगंज, अगिआंव और रूपौली की सीट पर उपचुनाव हुए. 2020 के बाद से चार विधायकों का निधन हो चुका है, इस वजह से भी उपचुनाव हुए, तीन विधायकों की विधायकी सजा पाने की वजह से गई. एक विधायक ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया….
संख्या2020 के चुनाव में माले को 12 सीटें मिली थीं, एक सीट अगिआंव पर उपचुनाव में माले ने अपनी सीट बचा ली. उसके एक विधायक सांसद हो गए, इसलिए माले विधायकों की संख्या 11 हो गई थी. उपचुनाव में माले अपनी तरारी सीट नहीं बचा पाई. इससे माले के पास 11 विधायक हैं. भाकपा के पास 2 और माकपा के पास 2 सीटें हैं. हम पार्टी ने 4 सीटें जीती थीं। एक विधायक जीतन राम मांझी सांसद हो गए. इसलिए हम के पास 3 विधायक हैं. इमामगंज से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी जीत गई है. अब फिर से हम के पास कुल 4 विधायक हो गए हैं…
NEWSANP के लिए पटना से ब्यूरो रिपोर्ट