बिहार(BIHAR):भारत निर्वाचन आयोग के तत्वावधान में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में पटना और मगध प्रमंडल के निर्वाचन पदाधिकारियों को मतदाता सूची की त्रुटिरहित तैयारी के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
बिहार भारत का पहला राज्य बन गया है, जहाँ आगामी विधान सभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारी के तहत मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 1 जुलाई 2025 को अर्हक तिथि मानते हुए संचालित किया जाएगा।
कार्यशाला में पटना और मगध प्रमंडल के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (AERO) शामिल हुए। निर्वाचन आयोग के सलाहकार एन.एन. बुटोलिया और बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रियाओं, उद्देश्यों, संवैधानिक प्रावधानों और तय समयसीमा पर विस्तार से चर्चा की।
पुनरीक्षण की मुख्य तिथियां :
25 जून – 26 जुलाई 2025: घर-घर सर्वेक्षण
1 अगस्त 2025: प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन
1 अगस्त – 1 सितंबर 2025: दावा-आपत्ति दाखिल करने की अवधि
30 सितंबर 2025: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
पुनरीक्षण की आवश्यकता
बुटोलिया ने बताया कि बिहार में पिछला विशेष गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। वर्तमान में शहरीकरण, प्रवासन, नए मतदाताओं की संख्या में वृद्धि, मृतकों के नामों का अद्यतन न होना, और अवैध नागरिकों के नाम सूची में होने जैसी समस्याओं के चलते यह पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि निर्वाचक नामावली की शुद्धता ही स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की नींव है।
प्रक्रिया की प्रमुख बातें :
प्रत्येक मतदाता को गणना फॉर्म (Enumeration Form – EF) भरना होगा, जिसे बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर वितरित और संग्रह करेंगे।
फॉर्म भरने की सुविधा ऑनलाइन (voters.eci.gov.in) भी उपलब्ध है।
बीएलओ द्वारा तीन बार फॉर्म जमा करने का प्रयास किया जाएगा।
फॉर्म समय पर न देने पर प्रारूप सूची में नाम शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन दावा-आपत्ति अवधि में फॉर्म-6 और घोषणा पत्र के माध्यम से नाम जोड़ा जा सकेगा।
इस कार्यशाला के माध्यम से निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए.
NEWSANP के लिए बिहार से ब्यूरो रिपोर्ट